Bihar Vidhan Sabha Chunav 2025: पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव से पहले अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए बीजेपी से निष्काषन से लेकर पार्टी नेतृत्व के साथ सुलह तक, भोजपुरी सिंगर पवन सिंह का राजनीतिक सफर बमुश्किल एक साल में पूरा हो गया। पवन सिंह ने मंगलवार को दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की।

इस दौरान भारतीय जनता पार्टी के बिहार प्रभारी विनोद तावड़े और राष्ट्रीय लोक मंच प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा भी मौजूद थे। उनके खिलाफ पवन सिंह ने आसनसोल से बीजेपी का टिकट ठुकराने के बाद काराकाट लोकसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ा था। कभी कट्टर प्रतिद्वंदी रहे दोनों नेताओं की बैठक के बाद तावड़े ने मीडिया से बातचीत में कहा, “पवनजी बीजेपी में हैं और बीजेपी में ही रहेंगे। कुशवाहाजी ने अपना आशीर्वाद दिया है। पवनजी आगामी चुनावों में बीजेपी कार्यकर्ता के तौर पर एनडीए के लिए सक्रिय रूप से काम करेंगे।”

पवन सिंह ने विकसित बिहार की बात की

भोजपुरी गायक पवन सिंह ने अपनी मुलाकात की फोटो शेयर की और विकसित बिहार की बात की। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर लिखा, “आज ये तस्वीरें देखकर जातिवादी राजनीति करने वालों के दिलों में सांप लोट रहा होगा। लेकिन जिनके दिलों में विकसित बिहार का सपना बसता है, वे कब तक एक-दूसरे से दूर रह सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और मुख्यमंत्री नीतीश जी के सपनों का बिहार बनाने में आपका बेटा पवन पूरी ताकत लगा देगा।”

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एनडीए अपनी स्थिति मजबूत करने की योजना बना रहा

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, सिंह की वापसी लगभग तय हो जाने के बाद पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने बताया कि अब ध्यान संगठन में उनकी भूमिका और उनके प्रभाव पर केंद्रित है। एक सूत्र ने बताया, “पवन सिंह की लोकप्रियता का फायदा उठाकर एनडीए बिहार में अपनी स्थिति मजबूत करने की योजना बना रहा है। उन्हें मैदान में उतारा जाएगा या नहीं, यह अभी तय नहीं है, लेकिन उनकी मौजूदगी चिराग पासवान के नेतृत्व वाली लोक जनशक्ति पार्टी (Ramvilas) की महत्वाकांक्षाओं को संतुलित करने में मदद करती है।”

पवन सिंह 2024 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी के सेलिब्रिटी उम्मीदवारों में से एक थे और आसनसोल में तृणमूल कांग्रेस के शत्रुघ्न सिन्हा को चुनौती देने वाले थे, लेकिन उन्होंने व्यक्तिगत कारणों से अपना नाम वापस ले लिया था। एक अंदरूनी सूत्र ने बताया, “पवन सिंह आरा के पास एक सीट पर जाने की मांग कर रहे थे, जहां उनका मजबूत आधार है, लेकिन यह अनुरोध बहुत देर से आया। अब वह इस क्षेत्र से विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमा सकते हैं।” अपने चुनावी पदार्पण में पवन सिंह को काराकाट में 2.74 लाख से ज्यादा वोट मिले। हालांकि, यह सीट सीपीआई (एमएल) एल के राजा राम सिंह ने जीती थी।

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