भिंड के कलेक्टर धनराजू एस अपनी सात साल की बेटी का इलाज कराने शनिवार को जिला अस्पताल पहुंचे और पर्चा बनवाने के लिए लाइन में लग गए। इस दौरान स्वास्थ्य कर्मचारी भी उन्हें पहचान नहीं पाए। बाद में लोगों को इस मामले की जानकारी मिली तो वे कलेक्टर की सादगी देखकर दंग रह गए।

कलेक्टर को पहचान नहीं पाए स्वास्थ्य कर्मचारी

जानकारी के मुताबिक, भिंड कलेक्टर धनराजू एस अपने सादगी के लिए जाने जाते हैं। शनिवार को वह अपनी सात साल की बेटी का इलाज कराने के लिए जिला अस्पताल पहुंच गए। इसके बाद वह पर्ची कटाने के लिए इमरजेंसी खिड़की में खड़े हो गए तो स्वास्थ्य कर्मचारियों ने उन्हें सामान्य खिड़की में जाकर ओपीडी का पर्चा बनवाने के लिए कहा।

 

चुनाव से ठीक पहले भिंड भेजे गए थे धनराजू एस

कलेक्टर धनराजू एस इसके पहले सिवनी के कलेक्टर थे। उस दौरान भी वे अपनी बेटी को स्कूल लेने के लिए पैदल ही चले जाते थे। धनराजू एस 2009 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। उन्हें चुनावों के ठीक पहले आशीष कुमार गुप्ता की जगह भिंड का कलेक्टर बनाया गया था। दरअसल सत्तारूढ़ दल के समर्थन की शिकायत के बाद चुनाव आयोग ने उन्हें यहां से हटाया था और धनराजू एस को भिंड जिले की कमान सौंपी गई थी।