देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ को लेकर विवाद चरम पर है। मोदी सरकार के बड़े समर्थकों में शुमार रहे योग गुरु स्वामी रामदेव ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा, ‘मदर टेरेसा को भारत रत्न इसलिए दिया गया क्योंकि वो ईसाई थीं। लेकिन संन्यासियों को यह पुरस्कार कभी नहीं दिया गया।’ बाबा ने सवाल उठाया कि क्या इस देश में हिंदू होना गुनाह है। उल्लेखनीय है कि मदर टेरेसा को 1980 में भारत रत्न सम्मान से नवाजा गया था।
इन संतों का किया जिक्रः बाबा रामदेव ने कहा, ‘दुर्भाग्यपूर्ण है कि पिछले 70 सालों में एक भी संन्यासी को भारत रत्न नहीं दिया गया। स्वामी विवेकानंद, महर्षि दयानंद या शिवकुमार स्वामी जैसे संन्यासियों को भी भारत रत्न से नवाजा जाना चाहिए था। इनका योगदान राजनेताओं या कलाकारों से कम है क्या?’ गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव 2014 के दौरान काले धन के मसले पर बाबा रामदेव नरेंद्र मोदी और भाजपा के समर्थन में प्रचार करते नजर आए थे।
शिवसेना ने भी जताई आपत्तिः उल्लेखनीय है कि दो दिनों पहले ही देश में तीन हस्तियों को भारत रत्न सम्मान देने का ऐलान किया गया है। इनमें नानाजी देशमुख, भूपेन हजारिका और पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के नाम शामिल हैं। नाम सामने आने के बाद भारत रत्न के लिए हस्तियों के चयन को लेकर कई विवादित बयान सामने आ चुके हैं। इससे पहले शिवसेना की तरफ से भी प्रणब मुखर्जी के नाम को लेकर आपत्ति जताई जा चुकी है। इसके अलावा असम के बड़े गायक जुबिन गर्ग भी विवादित बयान दे चुके हैं।