सैकड़ों करोड़ रुपए के सृजन घपले की जांच कर रही सीबीआई बिहार में पदस्थापित बड़े अधिकारियों के खिलाफ जल्द ही आरोपपत्र दायर करने वाली है। ये अधिकारी आईएएस और आईपीएस रैंक के हैं और भागलपुर में जिलाधीश व पुलिस महकमा में जिम्मेदार पद पर तैनात रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक इनके भागलपुर में रहते सृजन से मधुर रिश्ते रहे हैं और इनके बैंक खातों में सृजन के खाते से लाखों रुपए ट्रांसफर भी हुए हैं। यह सीबीआई की छानबीन में सामने आ चुका है कि सृजन और इनके बिचौलिया कौन था। इसका पता भी जांच में चल चुका है कि बिचौलिये की हैसियत में भी अचानक बेतहाशा इजाफा हुआ है।

बता दें कि सृजन घोटाले की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश राज्य सरकार ने 17 अगस्त 2016 की थी। गृह मंत्रालय की मंजूरी के बाद 22 अगस्त को ही जांच का जिम्मा सीबीआई ने अपने हाथ में ले लिया था। करीब 29 महीने गुजर जाने के बाद भी जांच पूरी नहीं हुई और मुख्य आरोपी सृजन संस्था के सलाहकार अमित कुमार व सचिव इनकी पत्नी प्रिया कुमार समेत दूसरे आरोपी गिरफ्त से अब तक बाहर हैं। ये सृजन की संस्थापक और किंग पिन स्व.मनोरमा देवी का बेटा और पुत्रबधू हैं। इनके निधन के बाद ये दोनों ही सृजन महिला विकास सहयोग समिति की सर्वेसर्वा बने थे और घपला उजागर होने के बाद से फरार है।

इसके अलावे जेल में बंद डिप्टी कलेक्टर रैंक के बर्खास्त कल्याण अधिकारी अरुण कुमार की पत्नी मधु गुप्ता भी अबतक फरार हैं। इनके नाम वाले बंधक बैंक के खाते में डेढ़ करोड़ रुपए जमा मिले हैं। इस खाते को सील कर दिया गया है। भूअर्जन के डिप्टी कलेक्टर रैंक के ही अधिकारी राजीव रंजन सिंह भी फरार हैं। और भी दर्जनभर आरोपी बैंक , सृजन, सरकारी अधिकारी चंपत हैं।

सूत्र बताते हैं कि जिन आईएएस और आईपीएस अधिकारी के खिलाफ सीबीआई आरोपपत्र दाखिल करने की तैयारी में हैं, वे पटना में पदस्थापित हैं। वैसे भागलपुर में 2004 से 2015 तक जिलाधीश और डीडीसी पद पर तैनात रहे दो दर्जन से ज्यादा अधिकारी सीबीआई जांच के दायरे में है। और इनसे पूछताछ हो चुकी है।

यहां बताना जरूरी है कि इस दौरान बारह ज़िलाधीश बनकर आए और ये सभी आईएएस हैं। केपी रमैय्या, मिहिर कुमार सिंह, संतोष कुमार मल्ल , चंदना प्रेयसी, राहुल सिंह, नर्मदेश्वर लाल, प्रेमसिंह मीणा, बी कार्तिकेय, वीरेंद्र कुमार यादव और आदेश तितमारे। इनके अलावे डीडीसी के पद पर लक्ष्मी प्रसाद चौहान, गजानन मिश्रा, प्रभात कुमार सिंहा, राजीव प्रसाद सिंह रंजन और चंद्रशेखर सिंह बगैरह की भूमिका की जांच भी सीबीआई कर रही है। ऐसे जिम्मेवार अधिकारियों के रहते सैकड़ों करोड़ रुपए सरकारी धन कैसे लूट गया। यह अहम सवाल सीबीआई इनसे पूछ रही है।