भागलपुर के सुलतानगंज और खगड़िया के बीच अगुवानी घाट पर निर्माणाधीन गंगा नदी पुल का एक हिस्सा शुक्रवार आधी रात धराशायी हो गया। पुल करीब 1,710 करोड़ रुपए की लागत से बन रहा था। हैरत की बात यह है कि इतने रुपए लगाकर बन रहा पुल मामूली सी आंधी नहीं झेल सका। गनीमत रही कि हादसा रात में हुआ, दिन में होता तो कई लोगों की जानें भी जा सकती थीं। घटना की सूचना पर सत्ताधारी दल जदयू के सुल्तानगंज विधायक प्रो. ललित नारायण मंडल मौके पर पहुंचे और पूरे मामले की जांच कराए जाने की बात कही। पुल निर्माण में उन्होंने भ्रष्टाचार का भी आरोप लगाया है। जांच के लिए पटना से विशेषज्ञों का दल भेजा गया है।
हादसे में निर्माणाधीन पुल का पाया संख्या पांच से छह को जोड़ने वाले पुल की ढलाई गिरी है। हादसे की वजह से जानमाल को तो नहीं लेकिन सरकारी खजाने को करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है। घटना कि जानकारी मिलते ही स्थानीय विधायक प्रो. ललित नारायण मंडल, अंचलाधिकारी शंभुशरण राय और प्रखंड विकास पदाधिकारी मनोज कुमार मुर्मु के साथ मौके पर पहुंचे।
उन्होंने आरोप लगाया है कि पुल निर्माण के जमकर अफसरों ने भ्रष्टाचार किया है। कहा कि पुल का निर्माण गुणवत्तापूर्ण नहीं हुआ, इसी का नतीजा है कि मामूली सी आंधी और बारिश में पुल ढलाई गिर पड़ी। विधायक के मुताबिक वे पहले भी इसका मुआयना किए थे। उस समय भी उन्होंने संबंधित अधिकारियों को गुणवत्ता पूर्ण काम कराने के लिए निर्देश दिए थे।
यह पुल बिहार सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक है। गंगा नदी पर बन रहे इस पुल पर करीब 1,710 करोड़ रुपयों की लागत आने का अनुमान है। इसकी कुल लंबाई तकरीबन 3.160 किलोमीटर है। इसकी आधारशिला 23 फरवरी 2014 को खगड़िया जिले के परबत्ता में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद रखी थी। वहीं 9 मार्च, 2015 को मुख्यमंत्री ने पुल निर्माण का काम शुरू करने के लिए उद्घाटन भी किया था।
खगड़िया की ओर से 16 किलाेमीटर और सुल्तानगंज की ओर से चार किलाेमीटर लंबे एप्रोच राेड का निर्माण चल रहा है। इसके बनने से उत्तर बिहार से सीधे मिर्जा चाैकी के रास्ते झारखंड जुड़ जाएगा और विक्रमशिला सेतु पर भी वाहनाें का दबाव कम हाेगा। वहीं श्रावणी मेला के दाैरान कांवरियाें काे भी खगड़िया से भागलपुर आने के लिए 90 किलाेमीटर की दूरी की जगह केवल 30 किमी का सफर करना होगा। इसका कांट्रैक्ट सिंगला एंड कंपनी ने लिया है।