जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमले में 40 जवानों की शहादत के बाद सीआरपीएफ लगातार सुर्खियों में है। दावे तमाम किए जा रहे हैं, लेकिन आतंकवाद और हिंसा जैसी स्थिति से निपटने वाले इस संगठन का ट्रेनिंग कैंप खुद बदहाल है। इनके ट्रेनिंग सेंटर में न तो फायरिंग रेंज है और न ही बाउंड्री वॉल। साथ ही, कोई स्थायी स्ट्रक्चर भी नहीं बना हुआ है।
कई बार लेटर लिखे, नहीं हुआ समाधान : पिछले 4 साल में यहां 150 ट्रेनिंग और प्रशासनिक कर्मचारियों की तैनाती की गई, लेकिन वह भी सिर्फ भर्ती के तौर पर। इनमें से एक भी काउंटर इनसर्जेंसी एंड एंटी टेरेरिज्म (CIAT) कोर्स से संबंधित नहीं है। इस संबंध में नवंबर 2018 और जनवरी के बाद एक वरिष्ठ अधिकारी ने सीआरपीएफ मुख्यालय को कई बार पत्र भेजे और ट्रेनिंग सेंटर की स्थिति के बारे में जानकारी भी दी। हालांकि, इसका कोई नतीजा नहीं निकला।