उत्तर प्रदेश के बरेली में कोर्ट ने कुछ ऐसा फैसला सुनाया है, जिसको जानने के बाद हर कोई हैरान है। दरअसल ऐसा कम ही सुनने को मिलता है कि आरोप लगे शख्स को अगर कोर्ट बरी कर दे तो ऐसी स्थिति में आरोप लगाने वाले को कोर्ट सजा सुना दे। कुछ इसी तरह का मामला सामने आया है जहां बरेली कोर्ट ने एक युवती को 4 साल की सजा सुनाई है। चूंकि युवती ने एक युवक पर रेप का आरोप लगाया था। लेकिन कोर्ट में मामला सिद्ध नहीं हो पाया। जिसके बाद कोर्ट ने ये फैसला सुनाया है।

कोर्ट के सामने इस केस की सुनवाई के दौरान युवती अपने द्वारा ही लगाए गए आरोपों से मुकर गई। जिसके बाद जज ने कहा कि जिस शख्स पर आरोप लगा है वो जितने समय तक जेल में रह चुका है उतना ही समय अब तुम्हें भी जेल में बिताना होगा। इसके साथ ही जज ने युवती पर पांच लाख से ज्यादा राशि का अर्थदंड भी लगाया।

आइए पूरी खबर आपको बताते हैं- आजतक की रिपोर्ट के अनुसार बरेली का रहने वाले शख्स पर साल 2019 में सावन के प्रोग्राम के दौरान युवती की बड़ी बहन से मिला था। जिसके बाद युवक (अजय उर्फ राघव) युवती की बहन नीतू के घर जाने लगा। नीतू ने राघव को प्रोग्राम के सिलसिले में उसे घर बुलाया था। इसके बाद नीतू और राघव कई जगह प्रोग्राम में गए हालांकि नीतू के साथ उसका पति भी जाता था। 

जहां भी जाता हूं लोग देखते हैं शक की नजर से

राघव की मानें तो नीतू के घर जाने की बात उसकी मां और उसका भाई भी जानते थे। इसी दौरान अचानक वो गायब हो गई। जिसके बाद मेरे ऊपर अपहरण और रेप का केस दर्ज करा दिया गया। मेरा करियर खराब किया गया। मेरा बदनाम किया गया। आज के समय में मैं कहीं भी जाता हूं तो लोग शक की नजर से देखते हैं। लेकिन कोर्ट ने जो सजा सुनाई है वो ऐतिहासिक है।

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कोर्ट ने कहा है कि जितने दिन युवक ने सजा काटी है उतने दिन अब युवती को भी जेल में बितानी होगी। इसके साथ ही अगर युवक जेल में नहीं होता तो वो बाहर काम करके कुछ कमा रहा होता। ऐसे में कोर्ट ने युवती पर 5,88,000 का जुर्माना भी लगाया है। कोर्ट ने कहा कि युवक भले ही कोर्ट से बरी कर दिया गया हो। लेकिन लड़की द्वारा लगाए गए झूठे आरोप कभी नहीं मिटेगा।

कोर्ट को लड़की ने किया गुमराह

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युवक ने बताया कि पहले तो युवती ने कोर्ट को बताया बताया वो पढ़ी लिखी नहीं है। जिसके बाद उसके साइन करने की बारी आई तो युवती ने अंग्रेजी में साइन किए। जिसको देखते ही जज साहब भड़क गए। इसके साथ ही युवती ने गवाही के दौरान अपनी ही बात से मुकर गई। ऐसे में जज ने युवती को झूठ बोलने और जानबूझकर फंसाने के आरोप में सजा सुनाई। जबकि युवक को बरी कर दिया।