देश भर में पत्रकारों पर हो रहे हमलों को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में पुलिस द्वारा एक प्रमुख समाचार चैनल के संवाददाता को एक विवाद में पक्षपातपूर्ण कार्रवाई करते हुए कोतवाली परिसर में बर्बरतापूर्ण तरीके से पीटे जाने का मामला सामने आया है। उत्तर प्रदेश मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति ने मामले को गम्भीरता से लेते हुए इसे मुख्यमंत्री तक ले जाने की बात कही है। पुलिस अधीक्षक अब्दुल हमीद के मुताबिक बंकी क्षेत्र के रहने वाले ‘एबीपी न्यूज’ के जिला संवाददाता सतीश कश्यप ने शिकायत की है कि एक नाली के विवाद को लेकर बुधवार (22 जून) को पुलिस ने उन्हें कोतवाली बुलाकर उन पर समझौते का दबाव बनाया और विरोध करने पर उनके साथ मारपीट की और हवालात में बंद कर दिया । पुलिस अधीक्षक ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है।

इस बीच, कश्यप ने कहा कि उनका अपने पड़ोसी अतुल यादव से टैंक बनवाने को लेकर करीब एक साल से विवाद था। इसी की रंजिश को लेकर वह अक्सर उन्हें जान से मारने की धमकी देता था और घर से बाहर निकलने पर उनकी पत्नी पर अक्सर फब्तियां कसता था। कश्यप ने बताया कि उन्होंने पिछली 19 जून को शहर कोतवाली में इसकी शिकायत की थी। उसके अगले दिन पुलिस अधीक्षक और 21 जून को तहसील में भी शिकायत दी गयी थी। उसी दिन पुलिस यादव को पकड़कर कोतवाली लायी थी। अगले दिन उन्हें कोतवाली बुलाया गया और बंकी पुलिस चौकी प्रभारी शिवनाथ यादव और शहर कोतवाल बी. पी. यादव द्वारा समझौते का दबाव बनाने की कोशिश की गयी।

उन्होंने बताया कि इसका विरोध करने पर कोतवाल और अन्य पुलिसकर्मियों ने उनसे गालीगलौज की और मारपीट शुरू कर दी। साथ ही फर्जी मुकदमे दर्ज कर हवालात में डाल दिया। सूचना मिलने पर बड़ी संख्या में कोतवाली पहुंचे पत्रकारों ने उन्हें छुड़ाया। कश्यप के मुताबिक पुलिस की मंशा भांपते हुए उन्होंने अपने मोबाइल फोन का वीडियो कैमरा ऑन कर रखा था, लिहाजा पुलिसकर्मियों की हरकत उसमें रिकॉर्ड हो गयी है। इस वारदात को लेकर जिले के पत्रकारों में खासा रोष व्याप्त है। पत्रकारों ने गुरुवार (23 जून) को बैठक करके वीडियो की जांच कराकर आरोपी कोतवाली और चौकी प्रभारी समेत सभी मुल्जिम पुलिसकर्मियों के निलम्बन और उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। इस बीच, उत्तर प्रदेश मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति के सचिव सिद्धार्थ कलहंस ने इस मामले को गम्भीर बताते हुए कहा कि देश-प्रदेश में पिछले कुछ समय से पत्रकारों पर हमलों में तेजी आयी है और पुलिस द्वारा ऐसी हरकत तो जघन्य अपराध है। समिति इस मामले की शिकायत मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से करेगी।