बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को यहां कहा कि राज्य सरकार युवाओं को उच्च शिक्षा जारी रखने के लिए छात्र क्रेडिट कार्ड के माध्यम से चार लाख रुपए तक का शिक्षा कर्ज मुहैया कराने की योजना को लागू करने के लिए कृतसंकल्प है। यह योजना अगले वित्तीय वर्ष से लागू की जाएगी। राज्य बैंकर्स समिति की यहां आयोजित 54वीं त्रैमासिक समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए नीतीश ने कहा कि सरकार युवाओं को उच्च शिक्षा जारी रखने के लिए छात्र क्रेडिट कार्ड के माध्यम से चार लाख रुपए तक का शिक्षा कर्ज उपलब्ध कराने की योजना को लेकर गंभीर है। इस योजना को अगले वित्त वर्ष से लागू किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिए सरकार के स्तर पर जरूरी तैयारियां की जा रही है। उन्होंने इस योजना को लागू करने में बैंकों से सहयोग की अपेक्षा की। नीतीश ने कहा कि राज्य के सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) बढ़ाना जरूरी है। वर्तमान में राज्य का जीईआर मात्र 13 प्रतिशत है। इसे हर हाल में 50 प्रतिशत के उपर ले जाने के लिए सरकार प्रयास करेगी। इसके लिए जरूरी है कि 12वीं के बाद उच्च शिक्षा जारी रखने के लिए इच्छुक युवाओं को आर्थिक सहायता प्रदान की जाए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य समावेशी विकास है, साथ ही न्याय के साथ सबका विकास करने के लिए सरकार कृतसंकल्प है। इस दिशा में छात्र क्रेडिट कार्ड एक अहम योजना है।

नीतीश ने कहा कि बैंकों को इस योजना के मद्देनजर सरकार से जो भी सहयोग चाहिए, सरकार उन्हें हर संभव सहयोग प्रदान करेगी लेकिन बैंक भी इसे लागू करने के लिए अपना अपेक्षित सहयोग प्रदान करें। नीतीश कुमार ने कहा कि राज्य सरकार युवाओं के लिए तीन महत्त्वपूर्ण काम करने जा रही है। जो युवा सेकेण्डरी स्तर की शिक्षा के बाद कौशल विकास करना चाहते है, उन्हें कौशल विकास का अवसर दिया जाएगा। जो रोजगार की तलाश करना चाहते है उन्हें दो साल के लिए एक हजार रुपए प्रतिमाह स्वयं सहायता भत्ता मिलेगा। यह भत्ता 20 से 25 वर्ष आयु वर्ग के इच्छुक युवाओं को देय होगा। जो युवक अपनी पढाई 12वीं के बाद आगे करना चाहेंगे, उन्हें छात्र क्रेडिट कार्ड दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार हर जिले में इसके लिए एक पंजीकरण केंद्र स्थापित करेगी जिसके जरिए कार्य किए जाएंगे। नीतीश ने कहा कि इस योजना को लागू करने के लिए विशेषज्ञों की भी सलाह ली जा रही है तथा इसके लिए पूरी प्रक्रिया शीघ्र पूरी कर ली जाएगी।

मुख्यमंत्री ने रिण-जमा अनुपात (सीडी रेशो) में अपेक्षित वृद्धि करने व राज्य में प्रत्येक पंचायत तक बैंक शाखाओं को पहुंचाने का सुझाव बैंकों को दिया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक पंचायत में पंचायत सरकार भवन बनाया जा रहा है। पंचायत को प्रशासन की इकाई मान कर तैयारी की जा रही है। बैंक भी प्रत्येक पंचायत तक अपनी शाखा को पहुंचाने की कोशिश करे।
नीतीश ने कहा कि विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ लाभुको को बैंक के माध्यम से सरकार सुनिश्चित करा रही है इसलिए बैंक की शाखाओं को लोगों तक पहुंचाना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि देश में 11 हजार की आबादी पर बैंक शाखा है पर बिहार में 17 हजार की आबादी पर बैंक की शाखा है। उन्होंने कहा कि 13 प्रखंड मुख्यालयोंं में बैंक शाखा नहीं है जबकि इनमें सभी प्रकार की आधारभूत संरचना उपलब्ध है।

बैंकों द्वारा सुरक्षा के मुद्दे पर जताई गई चिंता के संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि बैंकों की सुरक्षा हम सबकी चिंता है। उन्होंने महत्वपूर्ण सुझाव देते हुये कहा कि बैंकों में सुरक्षा आडिट होना चाहिए। नीतीश ने कहा कि एक सामान्य नियम सुरक्षा के मामले में तय होना चाहिये और उसी के अनुसार बैंक और राज्य पुलिस अपना अपना काम करें। उन्होंने यह भी कहा कि सुरक्षा के लिए नई तकनीक का भी सहारा लिया जाना चाहिये और बैंकों में सीसीटीवी का प्रभावकारी इस्तेमाल किया जाना चाहिए।