उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के महुवा ब्लॉक में हुई एक घटना से विधायक और प्रशासन के बीच विवाद खड़ा हो गया। रविवार को जिले के नारायणी तहसील के एसडीएम अमित शुक्ला अपनी टीम के साथ अवैध रेत खनन पर कार्रवाई करने गये थे। इस दौरान उन्होंने अवैध रूप से रेत से भरे दो ट्रकों को जब्त कर लिया। इसी बात को लेकर मौके पर पहुंचे बीजेपी विधायक प्रकाश द्विवेदी के समर्थकों ने कथित रूप से हंगामा शुरू कर दिया।
आरोप है कि उन्होंने एसडीएम से ट्रक छोड़ने का दबाव बनाया और जब बात नहीं बनी तो मारपीट पर उतर आए। हालात इतने बिगड़े कि समर्थकों ने एसडीएम की सरकारी गाड़ी को घेर लिया, गालियां दीं और उसे पलटने तक की कोशिश की। सबसे हैरान करने वाली बात यह रही कि इस दौरान विधायक खुद मौके पर मौजूद थे। समर्थकों ने एसडीएम के ड्राइवर को कथित तौर पर गाड़ी से खींचकर पीटा और धमकियां दीं।
यह घटना ऐसे वक्त पर हुई है जब कुछ ही दिन पहले झांसी में एक अन्य बीजेपी विधायक राजीव सिंह पारीछा के समर्थकों ने ट्रेन में सीट को लेकर हुए विवाद में 50 वर्षीय एक यात्री पर जानलेवा हमला कर दिया था।
पांच नामजद और कई अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज
पुलिस के अनुसार, एसडीएम के ड्राइवर कामता प्रसाद मिश्रा की शिकायत पर गिरवां थाने में पांच नामजद और कई अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। मामला दंगा, हत्या के प्रयास, सरकारी कर्मचारी को कर्तव्य पालन से रोकने, धमकी देने जैसे गंभीर धाराओं में दर्ज किया गया है, लेकिन अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।
एफआईआर के मुताबिक, रविवार की रात करीब 11 बजे छह चारपहिया वाहनों में सवार होकर आए लाठी-डंडों से लैस लोगों ने पहले एसडीएम की गाड़ी को घेरा, गालियां दीं, फिर हमला किया और जब्त किए गए रेत से भरे दो ट्रकों को छोड़ने का दबाव बनाया। ड्राइवर को कार से खींचकर धमकाया गया और मारपीट की गई। एसडीएम की टीम ने ट्रकों को छोड़ने से इनकार कर दिया था।
इस विवाद को लेकर विधायक से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन हो नहीं सका। उनके एक सहयोगी ने फोन पर सभी आरोपों को खारिज करते हुए उन्हें “झूठा और मनगढ़ंत” बताया। कहा कि विधायक और उनके समर्थकों पर लगाए गए सभी आरोप गलत और बेबुनियाद हैं।
बांदा के एएसपी शिवराज के अनुसार, जांच जारी है, ड्राइवर का मेडिकल और बयान दर्ज किया जा चुका है और इलाके के सीसीटीवी फुटेज की भी जांच हो रही है। जिले में घटना की काफी चर्चा है।