देश में सांप्रदायिक तनाव को और बढ़ाते हुए मध्य प्रदेश के खंडवा में हो रहे विधायक क्रिकेट टूर्नामेंट में मुस्लिम खिलाड़ियों के भाग लेने पर रोक लगा दी गयी है। मुस्लिम खिलाड़ियों ने जिले के अधिकारियों से शिकायत कर आरोप लगाया कि मुस्लिम होने की वजह से आयोजक उन्हें इस टूर्नामेंट में भाग नहीं लेने दे रहे हैं।
खंडवा में एक लोकल क्रिकेट टूर्नामेंट आयोजित किया जा रहा है। टेनिस बॉल से खेले जाने वाले इस टूर्नामेंट का आयोजन स्थानीय विधायक देवेंद्र वर्मा ने किया है और इसका संचालन बीजेपी नेता दिनेश पालीवाल कर रहे हैं। इस साल इस टूर्नामेंट में 32 टीमों ने हिस्सा लिया है लेकिन पांच टीमें ऐसी भी हैं जिन्हे हिस्सा नहीं लेने दिया गया है। इन पांच टीमों ने आरोप लगाया है कि ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि उनकी टीम में कुछ प्लेयर्स मुस्लिम हैं।
पुलिस में शिकायत दर्ज: इन पांच टीमों ने डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर और डिस्ट्रिक्ट एसपी को लिखित में शिकायत की है जिसके बाद कोतवाली पुलिस थाने में इस फैसले के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई है। वहीं, दूसरी ओर आयोजकों ने इस आरोपों को नकारते हुए कहा कि उनकी 32 टीमों की लिमिट थी जिसके पूरा होने के बाद इन टीमों को एंट्री नहीं दी गयी। हालांकि, सच ये भी है कि इन 32 टीमों में एक भी मुस्लिम खिलाड़ी नहीं है।
32 टीमों में एक भी मुस्लिम खिलाड़ी नहीं: बीजेपी प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने इस मामले पर कहा कि जिन टीमों को प्रवेश नहीं दिया गया उन्होंने निम्न स्तर की राजनीति करते हुए हिंदू-मुसलमान का कार्ड खेला है। उन्होंने कहा कि इस षड्यंत्र के पीछे कांग्रेस पार्टी है जो बीजेपी के खिलाफ माहौल बना रही है। उनका कहना है कि ये प्रतिबंध मैच के दौरान किसी अप्रिय घटना से बचने के लिए लगाया गया है।
शांति बनाए रखने के लिए लगाया प्रतिबंध: बीजेपी नेता और टूर्नामेंट के संचालक दिनेश पालीवाल ने इसके पीछे की वजह बताते हुए कहा कि किसी धर्म विशेष के लिए हमारे मन में कोई गलत भावना नहीं है। पर कुछ मुसलमान खिलाड़ियों ने चार साल पहले टूर्नामेंट के दौरान झगड़ा किया था। उन्होंने मैच जीतने के लिए कई खिलाड़ियों को पीट दिया था, जिसके बाद चार साल तक टूर्नामेंट का आयोजन नहीं किया जा सका। उन्होंने कहा कि इसलिए इस साल टूर्नामेंट में शांति बनाए रखने के लिए मुस्लिम खिलाड़ियों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया गया।