Balakot Airstrike: भारतीय वायुसेना (IAF) ने 26 फरवरी को पाकिस्तान के बालाकोट में एयर स्ट्राइक (2019 Balakot airstrike) कर आतंकियों के ट्रेनिंग कैंप्स पर तबाह किया था। इस हमले में सैकड़ों की संख्या में जैश-ए- मोहम्मद के आतंकी मारे गए थे। इस मिशन के लिए इंडियन एयरफोर्स ने कई दिनों तक कड़ा अभ्यास किया था। यही नहीं हमला कब, कहां और कैसे इसे अंजाम देना है इसको लेकर किसी को भनक तक नहीं लगने दी गई थी। बताया जा रहा है कि इस बेहद गुप्त के मिशन के बारे में पीएम नरेंद्र मोदी के अलावा वायु सेना के आला अधिकारी और मिशन में शामिल पायलटों को ही इसके बारे जानकरी थी। ऐसे ही एक स्क्वाड्रन लीडर ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा कि जब हमें मिशन के बारे में पता चला तो हम काफी मानसिक उतार-चढ़ाव से गुजर रहे थे, ऐसे में हमने काफी सिगरेटें पी डाली थीं। मिशन के बारे में पायलट ने कई रोचक बातें बताईं।
1971 के बाद किया ऐसा हमला: एनडीटीवी से बात करते हुए मिशन बालाकोट (ऑपरेशन बंदर) में शामिल मिराज-2000 लड़ाकू विमान के पायलट ने कहा कि 1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद से पाकिस्तान के अंदर घुसकर निर्धारित लक्ष्य पर इंडियन एयरफोर्स का यह पहला हमला था। वहीं इस मिशन में शामिल दूसरे स्क्वाड्रन लीडर ने बताया कि इस पूरे ऑपरेशन को करीब ढाई घंटे में ही पूरा कर लिया गया था। पायलटों ने कहा कि हमने टारगेट पर स्पाइस-2000 सेटेलाइट गाइडेड बम गिराए थे। बता दें कि 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के जवाब में IAF ने बालाकोट में इजरायली स्पाइस बम से लैस मिराज विमानों के जरिए एयरस्ट्राइक की थी। गौरतलब है कि पुलवामा में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे।
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अचूक है स्पाइस-2000 बम: बालाकोट एयरस्ट्राइक को लेकर कई विदेशी मीडिया में सवाल खड़े गए इस सवाल के जवाब में मिराज लड़कू विमान के पायलट ने कहा कि मुझे स्पाइस-2000 द्वारा लक्ष्य को भेदने में कोई संदेह नहीं है। यह चूक करने वाला हथियार नहीं है। पायलट ने आगे कहा कि हो सकता है कि बालाकोट में इमारतों की छतों पर हुए नुकसान को छुपाने की कोशिश की गई हो।

सीक्रेट था मिशन: IAF के 12 मिराज-2000 विमानों के पायलटों में से एक पायलट ने बताया कि हम लोगों ने महज 90 सेकेंड्स में बम ड्रॉप किया और वापस आ गए। उसने यह भी कहा कि इस मिशन के बारे में किसी को भी यहां तक कि हमारे परिवारवालों को भी इसकी जानकारी नहीं थी। बकौल पायलट जब मीडिया में खबरें आनी शुरू हुईं तो पत्नी ने पूछा कि क्या मैं भी इस एयर स्ट्राइक में शामिल था, तो मैं चुप रहा और सीधे सोने चला गया।
मिशन का नाम था ऑपरेशन बंदर: बता दें कि इस बालाकोट ऑपरेशन को IAF ने ‘ऑपरेशन बंदर’ नाम दिया था। इस हमले में वायुसेना के मिराज 2000, इजरायली लेजर गाइडेड बम, मिसाइल आदि शामिल थे। इसके साथ ही ऑपरेशन में सुखोई-30 एमकेआई और मिग-21 शामिल थे। सुखोई और मिग-21 भी ऑपरेशन में थे लेकिन उन्होंने एलओसी पार नहीं की। इन्हें प्लान बी के तहत तैयार रखा गया था।
वापस लौटने पर क्या किया: पायलटों ने जब मिशन पूरा कर लिया और बेस पर सकुशल वापस लौट आए तो उन्होंने क्या किया? इस सवाल के जवाब में दोनों पायलटों ने एक-दूसरे की तरफ देखा, हल्का मुस्कुराए और फिर कहा, ‘हमारे पास कुछ और सिगरेटें थीं।’

