दिल्ली सरकार ने पटाखे बेचने वालों को इस बार लाइंसेंस जारी नहीं किए। लेकिन दिवाली से ठीक पहले इसके खिलाफ यूनाईटेड हिंदू फ्रंट की याचिका पर अदालत ने साफ कर दिया कि सभी प्रकार के पटाखों पर कोई रोक नहीं हैं सिर्फ उन्हीं पटाखों पर रोक है जो बच्चों और बुजुर्गों के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव डालते हैं। इसके तुरंत बाद यूनाईटेड हिंदू फ्रंट के लोगों ने दिल्ली पुलिस व सरकार को घेरना शुरू कर दिया और हरित पटाखे के लिए लाइसेंस जारी करने की मांग करने लगे। अब सरकार व दिल्ली पुलिस करे तो क्या करे। चंद दिन दिवाली के बचे हैं, सबकी एक प्रक्रिया है। कहना न होगा कि इसे लेकर सरकार भी असमंजस में है।
अजब-गजब नोटिस
दिल्ली से लगे नोएडा में कोरोना काल के बाद व्यापार को पटरी पर लाने की जद्दोजहद कर कारोबारियों को इन दिनों अजब-गजब नोटिस मिल रहे हैं। यह नोटिस कभी प्राधिकरण तो कभी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से आ रहा है। अग्निशमन विभाग समेत अन्य विभाग भी नोटिस भेजने में लगे हैं। मजे की बात तो यह है कि नोटिस एक सेक्टर में एक ही तरह का काम करने वाली सभी कारखानों को नहीं जा रहा बल्कि सिर्फ एक या दो को ही नोटिस जारी करके बताया जा रहा है कि शर्तों का अनुपालन नहीं करने पर बदलाव करना होगा। अब व्यापारी हैरान है कि अगर शर्तों में कुछ बदलाव हुआ है तो वह सभी कारखानों के लिए होना चाहिए, एक या दो के लिए ही क्यों। अब बेदिल को पता चल रहा है कि यह नोटिस सामने से नहीं बल्कि पीछे के रास्ते से भेजा गया है। बेदिल ने किसी को कहते सुना कि यह अधिकारियों व कर्मचारियों की नाराजगी का नोटिस भी हो सकता है और फिर त्योहार भी तो नजदीक ही है।
दो मूर्ति
राजनेताओं की मूर्तियां भी सहूलियत और विचारधारा के अनुसार लगती हैं। ऐसा सुना गया है कि जिसकी जैसी विचारधारा वैसी मूर्ति। मूर्ति लगने के बाद उसके ऊपर छतरी लगाने के लिए भी क्या यह देखा जाता है? अब दक्षिणी और उत्तरी नगर निगम के मुख्यालय सिविक सेंटर को ही देखिए। यहां इन दिनों पत्थर की दो मूर्तियां चर्चा का विषय बनी हुई हैं। इन मूर्तियों में एक के ऊपर बारिश और पक्षियों के गंदगी फैलाने को देखते हुए छतरी लगाई गई है जबकि दूसरे के ऊपर कुछ नहीं है। बीते दिन बेदिल को इन्हीं दो मूर्तियों के बाबत एक वीडियो मिला। हालांकि यह वीडियो निगम में भी साझा किया जा रहा है। इस वीडियो को बनाने वाले शख्स ने दोनों मूर्तियों पर समान रूप से छतरी लगाने की वकालत के साथ ही इनके देशहित में किए गए कार्यों पर भी प्रकाश डाला है। बेदिल को पता चला कि मुख्यालय में दो मूर्तियां लगी हैं जिसकी चर्चा हो रही है। इसमें एक में छतरी और सीढ़ी लगी है जबकि दूसरी में नहीं।
भूलकर फंसे
देश की सबसे पुरानी पार्टी के प्रदेश कार्यालय में रविवार को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और लौह पुरुष सरदार बल्लभ भाई पटेल की याद में सभा का आयोजन किया गया। इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष समेत पार्टी के पूर्व सांसद, पदाधिकारी, नेताओं और कार्यकर्ताओं ने दोनों के फोटो पर पुष्प अर्पित कर नमन किया। लेकिन जैसा कि सभी जानते हैं सूचना क्रांति के दौर में आजकल कोई भी सूचना, फोटो और वीडियो तुरंत चर्चित होती है ऐसे में आपकी किसी भी काम पर सवाल खड़े हो सकते हैं। इसी कार्यक्रम में एक वर्ग के बड़े नेता जी ने दो फोटो में सिर्फ एक फोटो के सामने पुष्प अर्पित किया और किनारे हो गए। अब यह वीडियो बेदिल के हाथ लगा तो पता चला कि लोग इस पर सवाल भी उठा रहे हैं। इस व्यवहार पर पार्टी में चर्चा का बजार भी गर्म है और कार्यक्रम समाप्त होने के बाद प्रदेश कार्यालय में कुछ नेता और पदाधिकारी इस व्यवहार पर चर्चा करते दिखे।
हम हुए लापरवाह
जबसे कोरोना की लहर थमी है लोग भी लापरवाह हो गए हैं। चालान कटने कम हुए तो दिल्लीवासियों की मौज हो गई। अब न तो लोग मास्क लगाए दिख रहे हैं और न ही कोरोना के नियमों का पालन करते हुए। पिछले दिनों दिल्ली मेट्रो में यात्रा के दौरान बेदिल को अजब नजारा देखने को मिला। यहां लोग गेट से प्रवेश करते ही मास्क ऐसे मुंह पर चढ़ा रहे थे जैसे कोरोना के खिलाफ जंग में सबसे ज्यादा गंभीर यही हैं। हालांकि यह अच्छी बात है, लेकिन फिर क्या दिखता है कि जैसे ही मेट्रो प्लेटफार्म और कोच के अंदर लोग प्रवेश करते हैं तो अपने मास्क नाक और मुंह से नीचे कर लेते हैं। कुछ लोगों को खांसते हुए देखने पर लोग टोक भी रहे हैं लेकिन लोग कहां समझने वाले। इसी बीच बातचीत में एक शख्स अपने मन की बात कह बैठे कि जब नेता लोग मास्क नहीं लगा रहे तो आम इंसान कैसे लगा ले।
-बेदिल