बाबा रामदेव (Baba Ramdev) हमेशा से ही गायों से जुड़े विषयों (गौसेवा और गौरक्षा) पर खुलकर अपनी राय रखते रहे हैं। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जब केंद्र सरकार को गाय को राष्ट्रीय पशु बनाने का सुझाव दिया तो योग गुरु बाबा रामदेव (Baba Ramdev) एक बार फिर इस विषय पर टिप्पणी करते नजर आए। उन्होंने एक के बाद कई ट्वीट के जरिए इस मामले पर सरकार से विचार करने की अपील की। उनकी इस अपील के साथ सोशल मीडिया पर एक पुराना वीडियो ट्रेंड करने लगा। जहां उन्होंने (Baba Ramdev) गाय को लेकर अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) से जुड़ी कहानी बताई थी। उन्होंने बताया था कि किस तरह हास्य विनोद में पूर्व प्रधानमंत्री ने उनकी खिंचाई कर दी थी।
क्या कहा बाबा राम देव ने: योग गुरु ने सबसे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट की एक टिप्पणी को साझा किया, अखबार की खबर के साथ बाबा रामदेव ने लिखा कि गौ रक्षा सिर्फ किसी एक धर्म की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि भारत की संस्कृति का हिस्सा है और इसे राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाना चाहिए। इसके बाद उन्होंने हैशटैग गौमाता के साथ लिखा कि ग्राम्य जीवन आधारित अर्थव्यवस्था का मेरुदंड है गोवंश। यहां भी उन्होंने उसी खबर का डिजिटल वर्जन साझा किया था।
अटल बिहारी वाजपेयी के साथ थ्रो बैक किस्सा: सोशल मीडिया पर जो वीडियो चर्चा का विषय बना हुआ है, वह 17 अगस्त 2018 का है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन के बाद बाबा रामदेव (Baba Ramdev) श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे। यहां उन्होंने मीडिया से बात करते हुए अपने एक किस्से का जिक्र किया था। उन्होंने बताया कि वाजपेयी जी से मैं साल 2005 में पहली बार मिला था। उन्होंने योग की कुछ क्रियाए मुझसे सीखी थी।
रामदेव ने कहा कि जब योग सिखाने के बाद मैं जाने लगा तो वाजपेयी जी ने मुझसे कहा कि थोड़ा दूध पीकर जाओ। मैंने उन्हें बताया कि मैं भैंस का दूध नहीं पीता हूं। वह बताते हैं कि अटल बिहारी वाजपेयी ने विनोदपूर्वक कहा था कि संन्यासी होकर भी गाय और भैंस में पक्षपात और भेदभाव करते हो। यहां उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी की तारीफ करते हुए कहा कि वह एक तरफ बेहद गंभीर व्यक्तित्व थे औऱ दूसरी तरफ हास्य-विनोद भी करना जानते थे। (Baba Ramdev द्वारा सुनाई गई कहानी देखने के लिए इस लिंक को क्लिक करें)
क्या कहा था कोर्ट ने: एक मामले की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को सुझाव दिया था कि वैदिक, पौराणिक, सांस्कृतिक महत्व को देखते हुए गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाना चाहिए। कोर्ट ने कहा था कि गो मांस खाना किसी का मौलिक अधिकार नहीं है। किसी की जीभ के स्वाद के लिए जीवन का अधिकार नहीं छीना जा सकता है। कोर्ट के अनुसार, गाय की हत्या की इजाजत ठीक नहीं है, यदि गाय को मारने वाले को छोड़ दिया गया तो वह फिर हत्या करेगा।