राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) द्वारा आयोजित एक प्रदर्शनी में दलित नायक बी आर आंबेडकर और सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव छाए रहे। बता दें कि इस प्रदर्शनी का आयोजन संघ से जुड़े संगठनों की तीन दिवसीय बैठक के दौरान किया गया था। वहीं इस प्रदर्शनी में विभिन्न जनजातियों और अनुसूचित जातियों के नेताओं की संक्षिप्त जीवनी को भी दर्शाया गया है, जिनमें से ज्यादातर राजस्थान के हैं। इस प्रदर्शनी का आयोजन समन्वय बैठक के दौरान संघ की मारवाड़ इकाई द्वारा किया गया है। गौरतलब है कि समन्वय बैठक में आरएसएस से जुड़े 35 संगठनों के 200 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

प्रदर्शनी में छाए रहें गुरु नानक देव और आंबेडकरः इस मौके पर आरएसएस के संस्थापक के बी हेडगेवार और एम एस गोलवलकर के बड़े चित्रों को भी लगाया गया। लेकिन इस प्रदर्शनी में सबसे बड़ी होर्डिंग गुरु नानक देव और आंबेडकर की थी। इन होर्डिंगों ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा है। बता दें कि इस प्रदर्शनी को लेकर लोगों में काफी उत्साह भी देखने को मिला। बताया जा रहा है कि यह प्रदर्शनी विभिन्न जनजातियों और अनुसूचित जातियों से जुड़े लोगों के लिए ही खास तौर पर आयोजित किया गया था।

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आयोजकों ने बताया होर्डिंग लगाने के पीछे अलग-अलग कारणः बैठक के आयोजन से जुड़े संघ के पदाधिकारियों से इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि गुरु नानक का बड़ा चित्र इसलिए लगाया गया है क्योंकि यह उनकी 550वीं जयंती वर्ष है। वहीं आंबेडकर की बड़ी होर्डिंग लगाने के पीछे यह कहा गया कि वह एक दलितों के नायक हैं इसलिए उनकी यह होर्डिंग लगाई गई है। उन्होंने यह भी कहा कि यह होर्डिंग संघ के सामाजिक समरसता के विचारों के अनूकूल है।