भाजपा ने यूपी विधान परिषद के लिए अपने प्रत्याशियों के लिए जिन नामों को तय किया है, उनमें आजमगढ़-मऊ सीट पर अरुण कांत यादव का नाम है। इनके पिता रमाकांत यादव समाजवादी पार्टी से विधायक है। सपा विधायक के बेटे ने भाजपा से टिकट मिलने पर इसे विचारधारा की लड़ाई बताया। भाजपा उम्मीदवार अरुणकांत ने कहा कि “यह डेमोक्रेसी है, कोई राजतंत्र नहीं है कि पिता-पुत्र तलवार चलाएंगे तभी अलग होंगे। कहा कि इसमें विचारधाराओं की लड़ाई है। आपस में कोई लड़ाई नहीं है। हमारी विचारधारा अलग है, उनकी अलग है।”
वे बोले कि “वे अपनी जिंदगी अपने हिसाब से जी रहे हैं और हम अपने हिसाब से जी रहे हैं।” उन्होंने कहा कि “भारतीय जनता पार्टी का कार्यकर्ता हूं और यह चुनाव जनता लड़ रही है। विधानसभा के चुनाव में इस बार आजमगढ़ से भाजपा को भले ही सफलता नहीं मिली, लेकिन विधान परिषद में जरूर मिलेगी।”
राजनीतिक लिहाज से अत्यंत महत्वपूर्ण उत्तर प्रदेश एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और समाजवादी पार्टी (सपा) के बीच सीधे मुकाबले के दूसरे दौर का गवाह बनने जा रहा है। आगामी नौ अप्रैल को उत्तर प्रदेश विधान परिषद के स्थानीय प्रशासनिक क्षेत्र की 36 सीटों के चुनाव में इन दोनों पार्टियों के बीच फिर जोर-आजमाइश होगी। विधान परिषद के चुनाव में कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी ने उम्मीदवार नहीं खड़ा किया है जिससे यह लड़ाई एक बार फिर भाजपा और सपा के बीच हो गई है।
हाल में संपन्न राज्य विधानसभा चुनाव में भी मुख्य मुकाबला इन्हीं दोनों दलों के बीच हुआ था। सपा इस विधान परिषद चुनाव में सदन में एक बार फिर अपना बहुमत बरकरार रखने की कोशिश करेगी जबकि भाजपा विधानसभा के बाद विधानपरिषद में भी बहुमत हासिल करने का प्रयास करेगी। चुनाव की मतगणना आगामी 12 अप्रैल को होगी।
स्थानीय प्राधिकारी निर्वाचन क्षेत्र से उत्तर प्रदेश विधानपरिषद के निर्वाचन में नामांकन पत्रों की जांच के दौरान समाजवादी पार्टी के दो उम्मीदवारों का नामांकन निरस्त हो जाने के कारण भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों की निर्विरोध जीत का मार्ग प्रशस्त हो गया है। अधिकारियों ने बताया कि जांच प्रक्रिया के दौरान एक निर्दलीय के अलावा समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार उदयवीर सिंह और राकेश यादव के नामांकन पत्र खारिज कर दिए गए।
अधिकारियों ने बताया कि तीनों के नामांकन पत्र में कुछ खामियां थीं और निर्वाचन अधिकारी अंकित कुमार अग्रवाल ने उन्हें खारिज कर दिया। समाजवादी पार्टी ने मथुरा-एटा-मैनपुरी स्थानीय प्राधिकारी निर्वाचन क्षेत्रों से उदयवीर सिंह और राकेश यादव को मैदान में उतारा था। उनके पर्चा रद्द होने से दोनों सीटों पर भाजपा उम्मीदवारों की निर्विरोध जीत का रास्ता साफ हो जाएगा।