Ayodhya Tapasvi Chhawani: भगवान राम की नगरी अयोध्या के एक और मंदिर पर विवादों के बादल मंडराने लगे हैं। इसके पहले बुधवार (7 सितंबर) को आचार्य पीठ तपस्वी छावनी के महंत को लेकर चल रहे विवाद में भारी तादाद में संत और धर्माचार्यों ने पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों से मुलाकात की थी। दरअसल में अयोध्या में तपस्वी छावनी के महंत सर्वेश्वर दास का देहावसान के बाद अब नए महंत को लेकर अयोध्या में घमासान छिड़ गया है। हनुमागढ़ी की चारो पट्टियों के साधुओं ने संत परमहंस के समर्थन में ऐलान किया था। जिसके बाद साधु-संत दो धड़ों में बंट गए हैं।

हनुमानगढ़ी से जुड़े साधु-संत तपस्वी छावनी का महंत परमहंस को बनाना चाहते हैं तो वहीं तपस्वी छावनी के कुछ ट्रस्टियों सहित अयोध्या के साधु-संतों का एक बड़ा गुट तपस्वी छावनी के महंत पद पर संत परमहंस की जगह किसी और को गद्दी सौंपना चाहते हैं। अयोध्या की पुलिस और प्रशासन इस मामले पर नजरें बनाए हुए है। अगर महंत पद की दावेदारी को लेकर ज्यादा विवाद बढ़ा तो तपस्वी छावनी को कुर्क कर रिसीवर की भी नियुक्ति की जा सकती है। हालांकि अभी जिला प्रशासन इस मामले पर कुछ भी कहने से बच रहा है।

लोगों ने जान से मारने तक की धमकियां दीं

संत परमहंस आचार्य ने एक वेब पोर्टल से बातचीत में बताया, ‘हमारे पूज्य भगवान गुरुदेव जी की जब महंथी हुई थी उस समय भी कुछ अराजक तत्व सक्रिय थे, लेकिन हनुमान गढ़ी ने कहा था जो सही है वही होगा हम किसी भी तरह से अन्याय नहीं होने देंगे। अब जब पूज्य गुरुदेव जी का साकेतवास हो गया है तो मेरे पास तमाम तरह की धमकियां आ रही हैं कुछ लोग कह रहे हैं कि छोड़कर भाग जाओ, कुछ लोग कह रहे हैं कि तुम्हारे पास क्या है हम लोग तो 10-5 करोड़ खर्च कर देंगे, कुछ लोग कहे कि हम लोग 3000 गुंडे बुला रहे हैं। ऐसी तमाम तरह की धमकियां दी हैं कि डर के भाग जाए।’

2019 के ट्रस्ट में लिखा है कौन होगा महंथ

संत परमहंस आचार्य ने आगे कहा, ‘हम तो इस समय गरुड़ पुराण सुन रहे हैं इस समय सुबह शाम 2017 में गुरु जी ने हमको महंथी और सर्वराकार नियुक्त किया था। 2019 में जो ट्रस्ट बना है उसमें साफ तौर पर लिखा है कि जो मेरे द्वारा नियुक्त महंथ व सर्वराकार होगा वो पदेन अध्यक्ष हो जाएगा तो उसमें भी मैं अध्यक्ष हो चुका हूं। अयोध्या के संत-महंथ हमारे समर्थन में हैं लेकिन कुछ लोग इसके विरोध में हैं जो कहते हैं मेरा इनसे परिचय है मेरा उनसे परिचय है, कुछ लोग कहते हैं परमहंस की अर्थी उठेगी तो हमने कहा कि हमने हनुमान जी का स्मरण किया कि अगर हमें संतों के हाथ से मुक्ति लिखी होगी तो मैं खुशी से स्वीकार करुंगा। हनुमान गढ़ी के चारो पट्टी से संतों का आशीर्वाद मुझे मिला है जो उनके आदेशों का पालन करूंगा।’