अयोध्या के राम मंदिर में राम लला की प्रतिमा को विराजमान हुए एक साल पूरे होने वाले हैं। ऐसे में पहली वर्षगांठ पर राम मंदिर में क्या आयोजन होगा, इसे लेकर राम मंदिर ट्रस्ट ने सभी ट्रस्टी के साथ एक बैठक की, जिसमें कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। बैठक में यह भी निर्धारित किया गया कि राम मंदिर परिसर में सभी 18 मंदिरों की आरती राम भक्तों को देखने को मिलेगी जिसे लेकर व्यवस्था भी की जा रही है।
राम जन्मभूमि परिसर में राम लला सहित कुल 18 मंदिर बन रहे हैं। इन सभी मंदिरों की आरती के लाइव प्रसारण को लेकर 25 नवंबर को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक में चर्चा हुई। इन सभी 18 मंदिरों की आरती के साक्षी देश-दुनिया के रामभक्त घर बैठे बन सकेंगे। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट परिसर के सभी मंदिरों की आरती के लाइव प्रसारण की योजना पर विचार कर रहा है। फिलहाल केवल रामलला की प्रतिदिन सुबह 6:30 बजे होने वाली श्रृंगार आरती का ही लाइव टेलीकास्ट दूरदर्शन पर किया जाता है।
ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि तय हुआ है कि परिसर के सभी मंदिरों की आरती रामभक्त देख पाएंगे, इसको लेकर विचार किया जा रहा है। दूरदर्शन राम जन्मभूमि परिसर में स्थायी सेटअप यानी केंद्र स्थापित कर रहा है। इसके जरिए हाई क्वालिटी टेलीकास्ट संभव हो सकेगा।
22 जनवरी 2025 को राम लला की प्राण प्रतिष्ठा को एक साल पूरा होगा
गौरतलब है कि अयोध्या में 22 जनवरी 2024 को प्रभु राम विराजमान हुए थे ऐसे में 22 जनवरी 2025 को एक साल पूरा होगा लेकिन राम मंदिर ट्रस्ट अंग्रेजी कैलेंडर को न मानकर हिंदी कैलेंडर के मुताबिक जिस तिथि पर राम मंदिर में रामलला विराजमान हुए थे, उसी तिथि पर तीन दिवसीय महोत्सव का आयोजन करेगा।
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राम मंदिर ट्रस्ट के मुताबिक हिंदू धर्म में त्योहार-उत्सव हिंदी तिथियों के आधार पर मनाए जाते हैं
राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव के मुताबिक 22 जनवरी साल 2025 को प्रभु राम के विराजमान होने का एक साल पूरा हो रहा है। चंपत राय ने बताया कि हिंदू धर्म में त्योहार और उत्सव हिंदी तिथियों के आधार पर मनाए जाते हैं न कि अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को हुई थी, उस दिन पौष शुक्ल द्वादशी थी जिसे कूर्म द्वादशी भी कहा जाता है। इस बार 11 जनवरी को यह तिथि पड़ रही है। इतना ही नहीं इस उत्सव का नाम भी प्रतिष्ठा द्वादशी नाम दिया गया है।
ऐसे में प्रतिष्ठा द्वादशी का उत्सव 11 जनवरी 2025 को मनाया जाएगा। पहले साल तीन दिवसीय उत्सव होगा और आगे चलकर इसे चार-पांच दिन का किया जाएगा। फिलहाल उत्सव की रूपरेखा तैयार की जा रही है। यह वर्षगांठ प्रतिष्ठा द्वादशी के रूप में मनाई जाएगी। 22 जनवरी को कोई आयोजन नहीं होगा।
वहीं, दूसरी ओर राम मंदिर की फर्स्ट फ्लोर पर लगे पत्थरों को बदला जाएगा। यहां मकराना के पत्थर लगाए जाएंगे। इसकी जानकारी खुद भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने दी है। फर्स्ट फ्लोर पर कुछ ऐसे पत्थर लगे हैं जिनकी क्वालिटी ठीक नहीं है। पढ़ें पूरी खबर