अयोध्या श्री राम जन्म भूमि मंदिर में तीन दिवसीय महा आयोजन शुरू हो गया है। इस दौरान मंदिर परिसर के राम दरबार समेत अन्य देवालयों में प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। मंगलवार और बुधवार को सुबह 6:30 बजे से 12 घंटे तक पूजा और अनुष्ठान होगा। इस दौरान 1975 मंत्रों से अग्नि देवता को आहुति दी जाएगी। दरअसल ये कार्यक्रम पिछले साल हुए राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा से पूरी तरह अलग है। इस आयोजन में मुख्य अतिथि के तौर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शामिल होने वाले हैं।

तीन दिवसीय इस आयोजन के दौरान रामरक्षा स्तोत्र, हनुमान चालीसा समेत कई अन्य भजनों का पाठ किया जाएगा। इस कार्यक्रम का समापन समारोह 5 जून को होगा। इस दौरान राम दरबार में (भगवान श्रीराम, माता सीता और हनुमान) की प्राण प्रतिष्ठा के साथ-साथ सात अन्य मंदिरों में देवताओं की मूर्ति स्थापित की जाएगी।

101 वैदिक आचार्य कराएंगे पूजन

प्राण प्रतिष्ठा का ये अनुष्ठान काशी के यज्ञाचार्य जयप्रकाश की अगुवाई में 101 वैदिक आचार्यों द्वारा संपन्न कराया जाएग। इस प्राण प्रतिष्ठा के लिए श्री राम जन्मभूमि परिसर में स्थापित राम दरबार की सभी मूर्तियों के शुद्धिकरण की प्रक्रिया आज से आरंभ हो गई है। जिसके बाद बुधवार को सुबह साढ़े छह बजे से पूजन प्रक्रिया शुरू की जाएगी। पूजन में वेदी पूजन, षोडशमातृका व सप्त मातृका पूजन, योगिनी पूजन, वास्तु पूजन, क्षेत्र पालक पूजन, नवग्रह पूजन, यज्ञकुंड संस्कार और पंच वारुणी हवन से पूजन किया जाएगा।

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5 जून को आयोजित होने वाली सामूहिक प्राण प्रतिष्ठा को लेकर तैयारी पूरी कर ली गई हैं। इस दिन राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा के साथ-साथ सात अन्य मंदिरों में देवालयों की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। गंगा दशहरा के दिन आयोजित होने वाले इस प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को संक्षिप्त रखा गया है।

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के करीब 16 महीने बाद अयोध्या राम मंदिर पूरी तरह से बनकर तैयार हो चुकी है। इस कार्यक्रम के बाद प्रभु श्री राम एक राजा के तौर पर स्थापित होंगे। पिछले साल 22 जनवरी 2024 को राम लला के तौर पर स्थापित किया गया था। उस कार्यक्रम में 8 हजार से अधिक अतिथि आए थे। जिसके बाद अब राम दरबार में राजा के तौर उन्हें स्थापित किया जाएगा। 

प्राण प्रतिष्ठा को लेकर चंपत राय ने श्रद्धालुओं से की अपील

श्री रामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने राम दरबार में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर श्रद्धालुओं से अपील की। उन्होंने कहा कि तीन, चार और पांच जून को होने वाले कार्यक्रम के लिए किसी को भी आमंत्रित नहीं किया गया है। कोई भी प्राण प्रतिष्ठा शब्द सुनकर अयोध्या ना आए। केवल वही लोग अयोध्या आए जिन्हें रामलला का दर्शन करना होगा।