पूर्व टीवी पत्रकार और कानपुर प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष अवनीश दीक्षित के खिलाफ पुलिस कड़ी कार्रवाई कर रही है। पुलिस ने मंगलवार को बताया कि दंगा करने और संपत्ति हड़पने के प्रयास में गंभीर चोट पहुंचाने के आरोप में गिरफ्तार अवनीश दीक्षित को इंटर रेंज (IR-1) गिरोह का सरगना बताया गया है। इसमें उसके 15 साथी भी शामिल हैं।
पुलिस ने जारी किया बयान
कानपुर कमिश्नरेट पुलिस की ओर से मंगलवार को एक बयान जारी किया। बयान में कहा गया कि कानपुर पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार ने 15 सदस्यों वाले दीक्षित गिरोह को जमीन हड़पने, जबरन वसूली और ब्लैकमेलिंग जैसे जघन्य अपराधों में शामिल गिरोह के रूप में लिस्ट करने के लिए अधीनस्थों की रिपोर्ट को मंजूरी दे दी है। पुलिस ने बताया कि अपराधियों पर शिकंजा कसने के इरादे से दीक्षित गिरोह का रजिस्ट्रेशन किया गया है।
गिरोह का सरगना अवनीश दीक्षित है। इसके अलावा इस गिरोह में टीवी पत्रकार विवेक पांडेय, मनोज यादव उर्फ वसूली बंदर और अखलाक अहमद के अलावा हरेंद्र कुमार मसीह, राहुल वर्मा, विक्की चार्ल्स, संदीप शुक्ला उर्फ बोवन शुक्ला और अन्य सक्रिय सदस्य शामिल हैं।
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पुलिस ने बताया कि जांच के दौरान अगर कोई अन्य व्यक्ति दोषी पाया जाता है तो गिरोह के सक्रिय सदस्यों की संख्या बढ़ाई जाएगी। इंटर-रेंज गिरोह को लिस्ट करने का उद्देश्य लिस्टेड अपराधियों की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखना और सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करना है।
पहले से ही कई सदस्य जेल में
पुलिस ने बताया कि गिरोह के अधिकांश सदस्य पहले से ही जमीन हड़पने और जबरन वसूली के आरोप में और गैंगस्टर एक्ट के तहत सलाखों के पीछे हैं। बाकी बचे लोगों को भी सलाखों के पीछे भेजने की कोशिश की जा रही है। अधिकारी ने आगे बताया कि अवैध रूप से कमाए गए धन से बनाई गई संपत्तियों को भी कुर्क करने की कवायद की जाएगी। पुलिस ने बताया कि सिविल लाइंस इलाके में 1,000 करोड़ से अधिक की संपत्ति हड़पने की कोशिश में दंगा करने और गंभीर चोट पहुंचाने के आरोप में अवनीश दीक्षित और अन्य को 28 जुलाई को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। पढ़ें कानपुर में पत्रकार के खिलाफ दो और FIR दर्ज