गुजरात में 14 माह की बच्ची के साथ दुष्कर्म की घटना के बाद बिहार और यूपी के लोगों के खिलाफ हमला जारी है। वाघोडिया जिले के वडोदरा में रविवार को भीड़ ने यूपी-बिहार के करीब 15 लोगों पर लाठी-डंडों से हमला कर दिया। पुलिस ने बताया कि इनमें से 10 की हालत गंभीर बनी हुई है। सभी को वडोदरा के एसएसजी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती करवाया गया है। इस मामले में पुलिस ने 16 लोगों और एक नाबालिग को हिरासत में लिया है। लगातारी जारी हिंसा की वजह से बिहार-यूपी के लोग वापस लौट रहे हैं। लेकिन इस मामले पर राज्य के डीजीपी शिवानंद झा ने रविवार (7 अक्टूबर) कहा कि जो हिंदीभाषी गुजरात छोड़कर जा रहे हैं, वे त्योहर की वजह से ऐसा कर रहे हैं। झा ने गांधीनगर में मीडिया से बात करते हुए कहा, “त्योहारों का मौसम शुरू हो गया है। नवरात्री, दिवाली और फिर छठ है। इसलिए जो लोग यहां से जा रहे हैं, वे डर से नहीं, बल्कि त्योहार मनाने जा रहे हैं।”
शिवनांद झा ने कहा कि, “गैर-गुजरातियों के खिलाफ हिंसा के मामले में रविवार तक छह जिलों में 42 मामले दर्ज हो चुके हैं। 342 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। सबसे ज्यादा प्रभावित जिला मेहसाना है जहां 15 मामले दर्ज किए गए हैं और 89 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है। सबरकंठा में पुलिस ने 11 मामले दर्ज किए हैं और 95 लोगों को गिरफ्तार किया है। इसके साथ ही अहमदाबाद शहर, अहमदाबाद ग्रामीण, गांधीनगर, अरावली और सुरेंद्र नगर भी हिंसा प्रभावित जिले हैं।”
Migrants from Bihar, Uttar Pradesh and Madhya Pradesh leave for their villages from Ahmedabad after the alleged rape of a 14-month-old girl triggered revenge attacks against “non-Gujaratis”. (Source: Express video by Javed Raja)https://t.co/yAW7MgEESa pic.twitter.com/SPsSSCT3Hj
— The Indian Express (@IndianExpress) October 7, 2018
डीजीपी ने कहा कि बड़े औद्योगिक क्षेत्र जहां गुजरात के बाहर के लोग रह रहे हैं, वहां सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। स्थानीय पुलिस को इस बाबत दिशानिर्देश दिए गए हैं। झा कहते हैं, “इसी तरह स्थानीय इंटेलिजेंस ब्यूरो ओर राज्य इंटेलिजेंस ब्यूरो के अधिकारियों को एक साथ मिलकर सारी सूचना इकट्ठा करने को कहा गया है।” इस सवाल पर कि क्या इस घटना के पीछे किसी तरह की राजनीतिक साजिश है?, झा कहते हैं, “अभी मैं इस मामले पर कुछ नहीं कह सकता। गिरफ्तार लोगों से पूछताछ की जा रही है। जब मुझे सबूत मिलेंगे, तब मैं कुछ कहूंगा। हम यह भी पता लगान की कोशिश कर रहे हैं कि क्या वे किसी के साथ जुड़े हुए हैं।”
अधिकांश घटनाओं में यह देखा जा रहा है कि प्रदर्शनकारी फैक्ट्रियों में काम कर रहे मजदूरों को अपना निशाना बना रहे हैं। शनिवार की रात सबरकंठा जिले के इदार तालुका में भीड़ ने नुपुरा गांव के समीप एक कॉटन फैक्ट्री पर उस समय हमला किया, जब शिफ्ट चेंज हो रहा था। इन सारी घटनाओं के मद्देनजर, कई जिलों में पुलिस ने मजदूर ठेकेदारों और फैक्ट्री के मालिकों के साथ बैठक की है और उनसे पूरी जानकारी मांगी है। साथ ही पुलिस ने इमरजेंसी में संपर्क स्थापित करने के लिए उन्हें कंट्रोल रूम नंबर और स्थानीय थानों के नंबर दिए हैं। सबरकंठा के एसपी चैतन्य मांडलिक ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “इस बैठक में करीब 300 मजदूर ठेकेदारों और फैक्ट्री मालिक शामिल हुए है। हमने उन्हें पूरी सुरक्षा का अश्वासन दिया है। यह हमारे द्वारा उठाए गए सुरक्षा उपायों का एक हिस्सा है।”