उमेश पाल अपहरण मामले में अतीक अहमद को दोषी करार दिया गया है। एमपी-एमएलए कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है। अपहरण मामले में 3 आरोपियों को दोषी करार दिया गया है। अतीक समेत तीनों दोषियों को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है। इस मामले में अतीक अहमद का भाई अशरफ भी आरोपी था। उसे बरी कर दिया गया है। जज दिनेश कुमार शुक्ल ने यह फैसला सुनाया है। उमेश पाल अपहरण केस में अतीक अहमद, दिनेश पासी खान और शौलत हनीफ को 364a, 34, 120, 341, 342,504,506 धाराओं में दोषी पाया गया है।
MP-MLA कोर्ट ने तीनों दोषियों पर एक-एक लाख का जुर्माना भी लगाया है। इस मामले में कोर्ट का फैसला 17 साल बाद आया है। अतीक अहमद को पहली बार किसी मामले में सजा हुई है।
उमेश पाल का एक रिश्तेदार भी कोर्ट में मौजूद था। उमेश पाल अपहरण मामले में अतीक अहमद के भाई अशरफ, अंसार अहमद उर्फ अंसार बाबा, जावेद, फरहान, इसरार, आबिद प्रधान,आशिक उर्फ मल्ली और एजाज अख्तर को बरी किया गया है।
जैसे ही अतीक को सजा सुनाई गई, कोर्ट में गहमा-गहमी तेज हो गई। वहीं कोर्ट में फांसी दो-फांसी दो के नारे भी लगाए गए। कोर्ट परिसर और बाहर भी भारी सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है। उमेश पाल अपहरण मामले में अतीक अहमद, उसके भाई अशरफ, दिनेश पासी, अंसार अहमद उर्फ अंसार बाबा, खान सौलत हनीफ, जावेद, फरहान, इसरार, आबिद प्रधान,आशिक उर्फ मल्ली और एजाज अख्तर को आरोपी बनाया गया था।
अतीक अहमद पिछले चार सालों से गुजरात के साबरमती जेल में बंद था। सुनवाई के लिए कोर्ट ने पुलिस को उसे प्रयागराज लाने को कहा था। रविवार को यूपी पुलिस उसे साबरमती जेल से लेकर चली और सोमवार शाम पुलिस प्रयागराज पहुंची। अतीक अहमद पर 100 से अधिक मुक़दमे दर्ज हैं। अतीक पांच बार विधायक और फूलपुर लोकसभा सीट से सांसद भी रह चुका है।
अतीक अहमद 2005 में बसपा विधायक राजू पाल की हत्या के मामले में मुख्य आरोपी है। 25 जनवरी 2005 को बसपा विधायक राजू पाल की हत्या कर दी गई थी। देवीलाल पाल और संदीप यादव भी मारे गए थे। राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल का 28 फरवरी 2006 को अपहरण कर लिया गया था।
