असम में एक ऐसे आईपीएस अफसर को जिले का एसपी बनाया गया है, जिस पर 13 साल की बच्ची के यौन उत्पीड़न का आरोप है। अफसर की तैनाती 14 मई को हुई है। इससे पहले यह आईपीएस गुवाहाटी में तैनात था। बता दें कि इसी साल 31 मार्च को इस अफसर के खिलाफ जो चार्जशीट दायर हुई थी, उसमें उस पर आईपीसी की धारा 354, 354ए, और पॉक्सो ऐक्ट के तहत आरोपी बनाया गया है। इस चार्जशीट को असम के कामरूप मेट्रोपोलिटन डिस्ट्रिक्ट के पॉक्सो ऐक्ट के स्पेशल जज को सौंपा गया है।

आईपीएस के खिलाफ नाबालिग लड़की के यौन उत्पीड़न के मामले में 3 जनवरी 2020 को केस दर्ज हुआ था। इसकी जांच असम की आपराधिक जांच शाखा (सीआईडी) कर रही थी। द इंडियन एक्सप्रेस की ओर से देखी गई इस चार्जशीट में कहा गया है कि आरोपी के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं, जिससे साबित होता है कि अफसर ने पॉक्सो ऐक्ट, 2012 के अंतर्गत आने वाली धारा 9(a)(iv) और धारा 9(c) के तहत अपराध किया है। इसके अलावा उसने आईपीसी की धारा 354 और 354ए के तहत भी अपराध किए हैं।

असम के डीजीपी भास्कर ज्योति महंत ने इस मामले पर कहा कि केस अभी न्यायालय के समझ विचाराधीन है। चार्जशीट पूरी हो चुकी है। अगर कोर्ट उसे दोषी मानता है, तो अफसर की कानून के तहत गिरफ्तारी होगी। पर जब तक कोर्ट फैसला नहीं देती, तब तक हमें उसकी सेवाओं का इस्तेमाल करना होगा। डीजीपी महंत ने बताया कि अफसर का ट्रांसफर ऑर्डर राज्य के गृह विभाग की ओर से जारी हुआ है।

पुलिसकर्मी की बेटी के यौन उत्पीड़न में ही आरोपी है आईपीएस अफसर: चार्जशीट के मुताबिक, आईपीएस अफसर ने दिसंबर 2019 को अपने घर पर पार्टी के दौरान कथित तौर पर नाबालिग बच्ची का यौन उत्पीड़न किया था। उसके खिलाफ 3 जनवरी 2020 को गुवाहाटी स्थित महिला पुलिस स्टेशन में केस दर्ज हुआ था। अफसर पर केस दर्ज कराने वाली नाबालिग की मां ही थी, जो खुद असम में वरिष्ठ पुलिस अधिकारी हैं। बाद में इस केस को सीआईडी को ट्रांसफर कर दिया गया था। चार्जशीट में बताया गया है कि यौन उत्पीड़न की घटना के बाद नाबालिग को गहरा मानसिक आघात पहुंचा।