असम में बुधवार (22 जुलाई, 2020) को बाढ़ के हालात और बिगड़ गए जहां दो और लोगों की जान चई गई। इसके अलावा राज्य के 26 जिलों में प्रभावित लोगों की संख्या बढ़कर 26 लाख से अधिक हो गई। एक सरकारी बुलेटिन में यह जानकारी दी गई। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) की दैनिक बाढ़ रिपोर्ट के अनुसार बारपेटा के बाघबोर और मोरीगांव जिले के मोरीगांव राजस्व क्षेत्र में एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई।
अब तक राज्य में बाढ़ और भूस्खलन से 115 लोगों की जान जा चुकी है जिनमें 89 लोग बाढ़ से संबंधित घटनाओं में मारे गए, वहीं 26 ने भूस्खलन में जान गंवा दी। प्राधिकरण ने कहा कि धेमाजी, लखीमपुर, बिस्वनाथ, दर्रांग, बकसा, नलबारी, बारपेटा, चिरांग, बोंगईगांव, कोकराझार, धुबरी, दक्षिण सलमारा, गोलपाड़ा, कामरूप, कामरूप महानगर, मोरीगांव, नगांव, होजई, गोलाघाट, जोरहट, माजुली, शिवसागर, डिब्रूगढ़, तिनसुकिया, पश्चिम कार्बी आंगलोंग और कछार जिलों में 26.31 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं।
गोलपाड़ा सबसे बुरी तरह प्रभावित जिला है जिसके बाद बारपेटा और मोरीगांव प्रभावित हुए हैं। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, राज्य आपदा मोचन बल, जिला प्रशासनों और स्थानीय लोगों ने राज्य में 80 नौकाओं की मदद से मंगलवार से अब तक 452 लोगों को सुरक्षित निकाला है। एएसडीएमए ने कहा कि इस समय राज्य में 2,525 गांव जलमग्न हैं और पूरे असम में 1,15,515.25 हेक्टेयर जमीन पर खड़ी फसल बर्बाद हो गई है।
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प्राधिकरण के अनुसार अधिकारी 20 जिलों में 391 राहत शिविर और वितरण केंद्र चला रहे हैं जहां 45,281 लोगों ने शरण ले रखी है। प्रभावित जनता को कुल 3,383.81 कुंटल चावल, दाल और नमक, 606.10 लीटर सरसों का तेल बांटा गया है। इसके साथ ही तिरपाल, बच्चों के लिए खाद्य पदार्थ, मोमबत्ती, माचिस, मच्छरदानी, बिस्किट, साबुन, पेयजल, मवेशियों का चारा, मास्क आदि समेत राहत सामग्री भी वितरित की गई है।
असम में ब्रह्मपुत्र डिब्रूगढ़, धुबरी और गोलपाड़ा शहरों में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। जोररहट के निमतीघाट और सोनितपुर जिले के तेजपुर में भी यही हाल है।