इस साल के शुरुआत से असम डिटेंशन कैंप में अब तक उन दो लोगों की मौत हो चुकी है जिन्हें अवैध विदेशी घोषित किया था। मृतकों से जुड़े इंडियन एक्सप्रेस को कागजात भी हासिल हुए हैं। इन कागजों के मुताबिक 24 मार्च, 1971 से पहले ये भारत के नागरिक थे। मगर 1955 के नागरिक एक्ट के तहत इन लोगों का नाम लिस्ट से काट दिया गया है। इनके परिवारों का कहना है कि वो गलत कानूनी सलाह की वजह से विदेशियों के ट्रिब्यूनल या अदालतों के सामने पेश होने असफल रहे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक सुब्रत देव (37), जिन्हें दो महीने पहले गोलपारा डिटेंशन कैंप में भेजा गया था, 26 मई को दिल की बीमारी की वजह से मौत हो गई। मोहम्मद जब्बार अली (70), जिन्हें तीन महीने पहले तेजपुर डिटेंशन कैप भेजा गया था, उम्र से जुड़ी बीमारियों के चलते चार अक्टूबर को मौत हो गई। पुलिस का ऐसा दावा है। जानकारी के मुताबिक गोलपारा, कोकड़ाझाड़, तेजपुर, जोरहट, डिब्रूगढ़ और सिलचर सहित यहां ऐसे छह कैंप हैं जहां 900 संदिग्ध अवैध विदेशियों को रखा गया है। राज्य में अभी 100 विदेशियों के ट्रिब्यूनल (एफटी) में उनके मामलों को सुना और फैसला किया जा रहा है।

1951 के एनआरसी की एक प्रमाणित प्रति के मुताबिक देव परिवार के आठ सदस्यों के घर का पता- मकान नंबर- 63, सलमारा बाजार गांव, धुबरी जिला दर्ज है। एनआरसी में देव के पिता कृष्णप्पा की उम्र दस के बच्चे के रूप में दर्ज है। इसके अलावा कृष्णप्पा के पिता मोनोररंजन देव और मां माखन बाला देव का नाम साल 1966 की वोटर लिस्ट में मौजूद था। हालांकि साल 1980 में ये परिवार गोलपाड़ा जिले में चला गया। ऐसा ही कुछ मोहम्मद जब्बार अली के साथ है। उनकी माता-पिता सुतको शेख और संतानिशा का भी 1966 और 1994 की वोटर लिस्ट में था। यहां तक अली का नाम भी 1994 की वोटर लिस्ट में था। साल 2004 के चुनावी प्रमाण-पत्रों से पता चलता है कि संतानिशा घर की मुखिया थी लिस्ट में उनके बेटे के रूप में जब्बार अली का नाम दर्ज था।  यहां बता दें कि राज्य सरकार एक बार एनआरसी को अपडेट करने में जुटी है।

संयोग से इस साल की शुरुआत में अली जोहर के बेटे जौहर अली (33), जिन्हें संदिग्ध मतदाता माना गया, उन्हें अपने दादा-दादी के 1966 के प्रमाण-पत्रों के आधार भारतीय नागरिक मान लिया गया। मगर बाद अली और देव को 2007 और 2011 विदेशियों के ट्रिब्यूनल (FT) ने अवैध विदेशी घोषित कर दिया। रिकॉर्ड से पता चलता है कि दोनों ट्रिब्यूनल में विभिन्न तारीखों पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने में नाकाम रहे।

[bc_video video_id=”5849842032001″ account_id=”5798671092001″ player_id=”default” embed=”in-page” padding_top=”56%” autoplay=”” min_width=”0px” max_width=”640px” width=”100%” height=”100%”]