असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद को गलती से ‘पंडित रविशंकर’ कहकर संबोधित कर दिया। ‘डिजिटल नॉर्थ ईस्ट विजन 2022’ के दस्तावेज का यहां लोकार्पण करने के दौरान, अपने भाषण की शुरूआत में सोनोवाल ने कहा, ‘‘मैं खासतौर पर पंडित रविशंकर जी का धन्यवाद करना चाहूंगा।’’ पंडित रविशंकर एक सितार वादक थे जिनका 2012 में निधन हो गया था। हालांकि मंच पर बैठे प्रसाद ने फौरन सोनोवाल को टोकते हुए कहा, ‘‘आपने मुझे पंडित बना दिया!’’ इसके बाद श्रोता हंस पड़े। इस दौरान वहां मेघालय और त्रिपुरा के मुख्यमंत्रियों के साथ ही अन्य मंत्री और वरिष्ठ नौकरशाह भी थे जिन्हें हंसते देखा गया।
इसपर सुधार करते हुए सोनोवाल ने अपना भाषण जारी रखा, और केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री का सही नाम और सही पद का उच्चारण किया। हालांकि भाषण समाप्त करते हुए मुख्यमंत्री ने अपनी गलती का बचाव किया। उन्होंने कहा, ‘‘ मैं आपको (प्रसाद) उस तरह से संबोधित करने के लिए माफी चाहता हूं, लेकिन जब भी मैं आपका नाम लेता हूं मेरी इच्छा आपको पंडित कहकर संबोधित करने की होती है। भगवान ने आपको ऐसा ज्ञान, परिपक्वता और साहस दिया है। आप सबकुछ गंभीरता से करते हैं।’’
बता दें कि बीते शनिवार (11 अगस्त, 2018) को केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने 2022 तक डिजिटल पूर्वोत्तर बनाने के लिए ‘विजन डॉक्यूमेंट’ जारी किया जिसका उद्देश्य सरकारी र्किमयों की क्षमता बढ़ाकर और क्षेत्र में बीपीओ की कार्यक्षमता दोगुनी करके लोगों के जीवनस्तर में सुधार लाना है। ‘डिजिटल नॉर्थ ईस्ट: विजन 2022’ के तहत योजनाओं का लोकार्पण करते हुए प्रसाद ने कहा कि दस्तावेज में पूर्वोत्तर के लोगों के जीवनस्तर में बदलाव लाने के लिए डिजिटल तकनीकों के इस्तेमाल पर जोर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि गुवाहाटी में पूर्वोत्तर के लिए एक हब का निर्माण किया जाएगा और जीएसटी (माल एवं सेवा कर) तथा भुगतान प्लेटफॉर्मों समेत डिजिटल तकनीकों का इस्तेमाल करते हुए 50 हजार सरकारी कर्मचारियों के लिए क्षमता निर्माण का काम किया जाएगा। प्रसाद ने कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों में बीपीओ के लिए प्रस्तावित सीटों की संख्या 5000 से दोगुनी कर 10 हजार की जाएगी, वहीं समान सेवा केंद्रों के नेटवर्क का विस्तार सभी गांवों तक किया जाएगा।
दुनिया के सबसे बड़े नदी द्वीप माजुली में एक नये बीपीओ का उद्घाटन करते हुए प्रसाद ने कहा कि सरकार पूर्वोत्तर राज्यों के छोटे शहरों में आने वाले सभी बीपीओ केंद्रों को एक लाख रुपए सब्सिडी देगी। उन्होंने कहा, ‘‘हम गांवों की डिजिटल शक्ति को मजबूत करना चाहते हैं। अब हम देख रहे हैं कि लोग बड़े शहरों से अपने पैतृक शहरों में आ रहे हैं।’’ इस मौके पर उन्होंने कहा कि आधार कार्ड पूरी तरह सुरक्षित हैं और धनशोधन जैसी अनैतिक गतिविधियां रुक सकती हैं। उन्होंने कहा, ‘‘आधार पूरी तरह सुरक्षित है। यह जाति या धर्म पर आधारित नहीं है। यह हमारी डिजिटल पहचान है।’’