असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने शनिवार (14 मई) को आरोप लगाया कि नरेन्द्र मोदी सरकार में केन्द्रीय मंत्रियों को ‘स्वतंत्रता नहीं है और उन्हें हर छोटे मोटे मामले के लिए अनुमति लेनी पड़ती है।’ अपनी आत्मकथा ‘टर्नएराउंड – लीडिंग असम फ्रॉम द फ्रंट’ के विमोचन के अवसर पर एक संवाद सत्र के दौरान गोगोई ने कहा, ‘इन दिनों केन्द्रीय मंत्रियों के पास स्वतंत्रता नहीं है। हर छोटे मुद्दे के लिए उन्हें अनुमति लेनी पड़ती है। मैं भी एक केन्द्रीय मंत्री था और मैंने काफी स्वतंत्रता महसूस की। लेकिन अब स्थिति पूरी तरह बदल गयी है।’

एक उदाहरण देते हुए गोगोई ने दावा किया कि पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री जितेन्द्र सिंह ने उन्हें बताया था कि उनके मंत्रालय से जो धन आवंटित होता है वह वित्त मंत्रालय से जुड़ा होता है और उन्हें (सिंह) छोटे मुद्दों के लिए चक्कर लगाना पड़ता है। पीवी नरसिम्हा राव सरकार में गोगोई खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री थे।