उत्तर प्रदेश की तर्ज पर असम में भी बुलडोजर की कार्रवाई की गई है। एक बिजनेसमैन को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में जिस बैदुल्लाह खान का नाम सामने आया था उसके दो मंजिला घर पर असम सरकार ने बुलडोजर चला दिया है। राज्य सरकार का कहना है कि बिना आवश्यक परमिट के यह निर्माण किया गया था। वहीं, विपक्षी दल कांग्रेस का आरोप है कि एक समुदाय को लक्षित करने के लिए जानबूझकर यह कार्रवाई की गई है।

बैदुल्लाह खान की यह प्रोपर्टी गोरमारा में बनी हुई थी, जिस पर डिब्रूगढ़ जिला प्रशासन ने कार्रवाई की है। अधिकारियों का कहना है कि इसकी संरचना अस्थाई थी, जो कभी भी गिर सकती थी।

डिब्रूगढ़ के डिप्टी कमिश्नर बिस्वजीत पेगू ने दावा किया कि यह घर बिना आवश्यक परमिट के बनाया गया था। इसका स्ट्रक्चर अस्थिर था और लोगों के रहने के लिए भी यह बिल्डिंग अनुपयुक्त थी। यह सड़क के किनारे पर बनाया गया था, जो कि अवैध है। इसके अलावा, बिजली के कनेक्शन अनिश्चित पाए गए। उन्होंने कहा कि इमारत को बनाने में कई कानूनी मानकों का उल्लंघन किया गया और आपदा प्रबंधन अधिनियम के प्रावधानों के तहत इसे ढहा दिया गया है। पेगू ने कहा कि खान और उनका परिवार उस घर में नहीं रहता था और उन्होंने यह घर किराए पर दिया हुआ था।

बता दें कि 7 जुलाई को बिजनेसमैन अपने घर पर मृत पाए गए थे। उन्हें आत्महत्या के लिए कथित तौर पर उकसाने के आरोप में चार लोगों को नामजद किया गया है। बैदुल्लाह खान के अलावा इस मामले में निशांत शर्मा, संजय शर्मा और एजाज खान आरोपी हैं। बैदुल्लाह खान और निशांत शर्मा पुलिस की गिरफ्त में हैं जबकि बाकी दो आरोपी फिलहाल फरार हैं।

बिजनेसमैन ने मरने से पहले अपना एक वीडियो बनाया था, जिसमें उन्होंने उन लोगों का नाम लिया, जिनकी वजह से उन्हें आत्महत्या करने के लिए मजबूर होना पड़ा था। यह मामला पीड़ित परिवार की प्रोपर्टी से जुड़ा था, जिसमें ये आरोपी रहते थे। जब परिवार ने उन्हें संपत्ति खाली करने को कहा तो उन्होंने किराया देना बंद कर दिया और उन्हें धमकी देने लगे।

वीडियो में बिजनेसमैन ने चार लोगों पर लगातार धमकियां देने का आरोप लगाया। जिनकी वजह से उन्हें अपना जीवन समाप्त करने के लिए मजबूर होना पड़ा। परिजनों ने आरोपी के खिलाफ पुलिस में शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

इस पर मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने पीड़ित परिवार से मिलकर पुलिस की निष्क्रियता के लिए माफी मांगी। उन्होंने खान की गतिविधियों की जांच करने में विफल रहने के लिए उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक को भी फटकार लगाई। सरमा ने कहा, “मैं सोच भी नहीं सकता कि बैदुल्लाह खान इस शहर में कैसे पहुंचा। मैं बहुत शर्मिंदा हूं। क्या हमारी सरकार इतनी कमजोर हो गई है? मैं अपने जीवन में कभी इतना शर्मिंदा नहीं हुआ।”

वहीं, कांग्रेस ने मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा पर आत्महत्या को सांप्रदायिक रंग देने का आरोप लगाया है। कांग्रेस नेता देवव्रत सैकिया ने कहा, “हमारे मुख्यमंत्री हर चीज को सांप्रदायिक बनाने की कोशिश करते हैं। इस मामले में चार आरोपी हैं; दो हिंदू और दो मुसलमान, लेकिन सरमा सिर्फ एक आरोपी को निशाना बनाते हैं जो मुस्लिम होता है।”