Maharashtra Politics: महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चह्वान ने बुधवार (28 सितंबर, 2022) को दावा किया कि बीजेपी-शिवसेना की सरकार के दौरान एकनाथ शिंदे कांग्रेस के साथ गठबंधन के लिए उनसे मिलने गए थे। उन्होंने कहा कि उस वक्त चह्वान महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष थे और शिंदे बीजेपी और शिवसेना की गठबंधन सरकार में मंत्री थे। 2014 से 2019 के दौरान महाराष्ट्र में शिवसेना और बीजेपी की गठबंधन की सरकार थी।
अपने गृहनगर नांदेड़ में स्थानीय पत्रकारों से बात करते हुए चह्वान ने कहा कि शिवसेना का एक प्रतिनिधमंडल उनके पास आया था, जिसमें एकनाथ शिंदे भी शामिल थे। प्रतिनिधिमंडल भाजपा से नाता तोड़ने का प्रस्ताव लेकर कांग्रेस नेता से मिला था। चह्वान ने बताया कि उन्होंने शिवसेना से कहा था कि उन्हें राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष शरद पवार से भी सलाह लेनी चाहिए और अगर वह मान जाते हैं तो मैं कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व से वह बात करूंगा।
चह्वान के अनुसार, कथित बैठक राज्य में 2017 के स्थानीय निकाय चुनावों के दौरान हुई थी। उस वक्त महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना की गठबंधन की सरकार थी और दोनों दलों के बीच रिश्ते तनावपूर्ण चल रहे थे। दोनों दलों ने स्थानीय निकाय चुनाव में स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ा था।
कांग्रेस नेता ने यह बयान एकनाथ शिंदे के उन दावों पर दिया, जिसमें वह बार-बार कहते रहे हैं कि उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस और राकांपा के साथ गठबंधन करके हिंदुत्व को छोड़ दिया। बता दें कि शिंदे के विद्रोह के बाद अपने खेमे के विधायकों के समर्थन से उन्होंने भाजपा के साथ मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बना ली है। इसके साथ ही उन्होंने शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस के महा विकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन के शासन को समाप्त कर दिया।
इस बीच शिंदे खेमे के मंत्री गुलाबराव पाटिल ने चह्वान की टिप्पणी को बेबुनियाद बताया और कहा कि अगर शिंदे की मौजूदगी में भी ऐसी बैठक हुई तो उन्हें वहां जाने के लिए मजबूर होना पड़ा होगा। पाटिल ने कहा, “यदि आपका नेता आपको कहीं जाने और कुछ करने के लिए कहता है, तो आपको वह करना होगा। यहां क्या बड़ी बात है?”
भाजपा नेता आशीष शेलार ने कहा कि सार्वजनिक जीवन में कुछ मर्यादा बनाए रखनी चाहिए। उन्होंने कहा, “हम चाहें तो चह्वान की क्लिप भी दिखा सकते हैं, लेकिन कुछ चीजों को छिपाकर ही रखा जाना चाहिए।”