पश्चिम बंगाल में रामनवमी जुलूस के दौरान भड़की हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। आसनसोल के कई इलाकों में बुधवार (28 मार्च) को भी दो समुदायों के बीच हिंसक झड़प हुई। शांति व्‍यवस्‍था बनाए रखने के लिए धारा 144 लगा दी गई है। बड़ी संख्‍या में सुरक्षाबलों को तैनात कर दिया गया है, ताकि किसी भी तरह की अप्रिय घटना न हो। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उप्रद्रवियों ने बमबारी और आगजनी भी की। इसमें कई मकानों को नुकसान पहुंचा है। बता दें कि मंगलवार (27 मार्च) को आसनसोल में रामनवमी का जुलूस निकाला गया था। कुछ अराजक तत्‍वों ने पथराव कर दिया था, जिसके बाद सांप्रदायिक तनाव फैल गया था। देखते ही देखते हिंसा भड़क उठी थी। उपद्रवियों द्वारा फायरिंग करने से एक युवक घायल हो गया था। पत्‍थरबाजी के कारण एक महिला पार्षद को भी चोट आई थी। बताया जाता है कि पुलिस की मौजूदगी में ही दोनों संप्रदाय के लोग भिड़ गए थे। पुलिस के वाहन में भी तोड़फोड़ की गई। इसके अलावा पश्चिम बंगाल में सत्‍तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के कार्यालय में आग लगा दी गई और मेयर के वाहन पर भी पथराव किया गया। इससे आसनसोल में तनाव और बढ़ गया। ‘पीटीआई’ के अनुसार, रानीगंज में उपद्रवियों की चपेट में आने के कारण आसनसोल-दुर्गापुर के पुलिस उपायुक्‍त अरिंदम दत्‍ता चौधरी ने अपनी एक हाथ गंवा दी।

राज्‍यपाल को घायल डीसीपी से न मिलने की सलाह: ‘पीटीआई’ के अनुसार, पश्चिम बंगाल के राज्‍यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी अरिंदम चौधरी से मिलने के लिए दुर्गापुर जाने वाले थे। लेकिन, राज्‍य सरकार ने हालात को देखते हुए उन्‍हें वहां न जाने की सलाह दी है। राजभवन की ओर से जारी बयान में उन्‍हें पर्याप्‍त सुरक्षा मुहैया कराने में स्‍थानीय प्रशासन ने असमर्थता जताई है। बयान के मुताबिक, राज्‍य सरकार ने कहा कि ज्‍यादातर पुलिसकर्मियों को दुर्गापुर के अलावा रानीगंज और आसनसोल में तैनात किया गया है, ऐसे में उन्‍हें पूरी सुरक्षा मुहैया कराना संभव नहीं है। इस बीच, राज्‍यपाल ने सभी समुदायों से शांति बनाए रखने की अपील की है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र ने हिंसा को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार से रिपोर्ट तलब की है। बता दें कि यहां से भाजपा नेता बाबुल सुप्रियो आसनसोल से ही सांसद चुने गए हैं।