अतीक अहमद के बेटे असद अहमद को प्रयागराज के असारी-मसारी कब्रिस्तान में दफना दिया गया है। विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा था कि अतीक अहमद बेटे के जनाजे में शामिल होना चाहता है लेकिन असद को दफनाते समय उसके परिवार का कोई सदस्य मौजूद नहीं था। असद के शव को पुलिस प्रशासन की मौजूदगी में असद के रिश्तेदारों ने दफनाया।

असद के शव को दफनाए जाने के बाद अतीक अहमद के वकील विजय मिश्रा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि कोर्ट के समय के पहले ही असद को सुपुर्द-ए-ख़ाक कर दिया गया इसलिए कोर्ट में अर्ज़ी नहीं लग सकी। उन्होंने कहा कि हमारी मांग थी कि अतीक अहमद को असद के जनाजे में शामिल किया जाए। उन्होंने कहा कि असद की मां शाइस्ता परवीन यहां मौजूद नहीं थीं। शासन प्रशासन ने अंतिम प्रक्रिया कराने में सहयोग किया और किसी को एतराज़ नहीं है।

अतीक के बेटे को दफनाए जाने से पहले पुलिस प्रशासन ने उसके मोहल्ले और कब्रिस्तान के आसपास सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी थी। प्रयागराज पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि असद को उसके नाना सहित 20-25 लोगों की मौजूदगी में दफनाया गया जबकि गुलाम के शव को दूसरी जगह सुपुर्द-ए-खाक किया गया। असद को दफनाए जाने से पहले उसने नाना हामिद अली ने कहा कि उनकी मां यहां नहीं है तो वह मजबूरी है। उनके दिल से पूछना चाहिए (क्या यह सही है)। हमने असद को बहुत प्यार से पाला था।

मीडियाकर्मियों को कब्रिस्तान में नहीं मिली एंटी

न्यूज एजेंसी भाषा के अनुसार, कब्रिस्तान में अतीक अहमद के रिश्तेदारों और परिचितों को ही दाखिल होने दिया गया और मीडियाकर्मियों को भीतर जाने की अनुमति नहीं दी गई। असद का शव लेकर एंबुलेंस भारी सुरक्षा के बीच सुबह करीब नौ बजे कब्रिस्तान पहुंची। एंबुलेंस में शव के साथ असद का फूफा उस्मान था। कसारी मसारी कब्रिस्तान में शव को दफनाने की प्रक्रिया करीब एक घंटे चली। इस दौरान अतीक अहमद और उसके परिवार का कोई करीबी सदस्य नजर नहीं आया। कब्रिस्तान के चारों तरफ भारी संख्या में पुलिस बलों की तैनाती की गई थी।