केंद्रीय मंत्रिमंडल में विस्तार और फेरबदल की अटकलों के बीच अब एनडीए में भाजपा की साथी पार्टियों ने अपने हक के लिए आवाज उठाना शुरू कर दिया है। बताया गया है कि इसमें सबसे पहली मांग बिहार में भाजपा की साथी जदयू की तरफ से उठाई गई है। सीएम नीतीश कुमार की पार्टी ने कैबिनेट मंत्रियों के लिए तीन नेताओं के नाम आगे किए हैं। इनमें से दो को तो कैबिनेट में जगह मिलने की उम्मीद भी जताई गई है।
आरसीपी बोले- ‘हम ट्रेड यूनियन नहीं जो अपने हिस्से की मांग करेंगे’: दरअसल, कैबिनेट विस्तार की चर्चा के बीच जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने हाल ही में मीडिया से कहा था कि उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार के बारे में पता चला है। उन्होंने कहा कि एनडीए के हर सदस्य को कैबिनेट में हिस्सा मिलना चाहिए और एक साथी होने के नाते जेडीयू को खुद ही केंद्रीय कैबिनेट में जगह मिलनी चाहिए। एक गठबंधन में हर हिस्से का सम्मान होना चाहिए।
जब मीडिया ने सिंह से पूछा कि मोदी सरकार के पिछले कार्यकाल में जदयू को हिस्सा मिलते-मिलते रह गया, तब चर्चा थी कि जदयू की तीन मंत्री पद की मांग भाजपा नेतृत्व कबूल नहीं कर सका था। क्या इस बार पार्टी अपने हक की मांग करेगी? इस पर उन्होंने जवाब में कहा- हम मांग क्यों करेंगे? एनडीए में इसके लिए मांग होती है? क्या हम कोई ट्रेड यूनियन हैं, जो मांग करेंगे?
मानसून सत्र से पहले हो सकता है मोदी मंत्रिमंडल में फेरबदल: चर्चा है कि मोदी कैबिनेट का विस्तार इस साल संसद के मानसून सत्र से पहले ही हो सकता है। ऐसे में जदयू के जिन बड़े चेहरों के कैबिनेट मंत्री बनने की संभावना जताई गई है, उनमें आरसीपी सिंह, राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह और संतोष कुशवाहा का नाम सबसे आगे है। हालांकि, इनमें दो को कैबिनेट स्तर पर मंत्रालय मिल सकता है। दूसरी ओर बिहार भाजपा से डॉक्टर संजय जायसवाल और सुशील कुमार मोदी में से एक को केंद्रीय मंत्री बनाए जाने की भी संभावना है।