प्रशांत भूषण ने गुरुवार को संकेत दिया कि उन्हें और योगेंद्र यादव को आम आदमी पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति से अरविंद केजरीवाल के कहने पर हटाया गया और केजरीवाल पार्टी में निर्णय लेने की प्रक्रिया पर अपना प्रभुत्व चाहते हैं जिसका उन्होंने विरोध किया था। जानेमाने वकील और आप के संस्थापक सदस्य भूषण ने कहा कि वे तय करने का प्रयास कर रहे थे कि पार्टी अपनी स्थापना के सिद्धांतों पर कायम रहे और इसका प्रयास करते रहेंगे। भूषण से गुरुवार को जब पूछा गया कि क्या उन्हें और यादव को बुधवार को केजरीवाल के कहने पर पीएसी से हटाया गया तो उन्होंने एक टीवी चैनल पर कहा-मुझे लगता है कि इन हालात में किसी का भी इस नतीजे पर पहुंचना सही होगा। वहीं वरिष्ठ पार्टी नेता मयंक गांधी ने गुरुवार को कहा कि दोनों वरिष्ठ नेताओं को हटाने के तरीके से वे स्तब्ध हैं।

भूषण ने कहा कि केजरीवाल एक बड़े नेता हैं और उनमें कई प्रशंसनीय बातें हैं लेकिन उनमें कुछ गंभीर कमियां भी हैं और उनमें से एक है निर्णय लेने की प्रक्रिया पर प्रभुत्व रखने की इच्छा। भूषण ने कहा-मैंने उनसे कहा था कि एक व्यापक और स्वतंत्र सोच वाली समिति होनी चाहिए जो उनके सामने खड़ी हो सके और कह सके कि आप गलत हैं। इस पर केजरीवाल ने जवाब दिया कि पीएसी में ऐसे अनेक सदस्य हैं।

उन्होंने कहा कि हो सकता है कि केजरीवाल जिन लोगों से घिरे हैं, उन्होंने भी दोनों के खिलाफ उनके कान भरे हों। भूषण ने कहा कि आप को संदिग्ध कंपनियों से मिले 50 लाख रुपए के चंदे के मामले में जांच करने की जरूरत है ताकि यह दोबारा नहीं हो। यह चिंता वे पहले भी उठा चुके हैं। पीएसी से यादव और भूषण को बाहर करने के तरीके पर सवाल उठाने वाले पीएसी के सदस्य मयंक गांधी के बयान के बारे में पूछे जाने पर भूषण ने कहा कि वे चाहते हैं कि पार्टी इन मुद्दों पर ध्यान दे। भूषण के मुताबिक उनके और केजरीवाल के बीच संवाद तंत्र टूट गया है।

राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में बुधवार को मतदान के दौरान अनुपस्थित रहे मयंक गांधी ने कहा कि यादव और भूषण के हटने की पेशकश किए जाने के बावजूद मनीष सिसोदिया के यादव और भूषण को हटाए जाने का प्रस्ताव लाए जाने की घटना से वे स्तब्ध हैं। अपने ब्लॉग में उन्होंने लिखा है- मैं सार्वजनिक रूप से उन्हें हटाए जाने की घटना को लेकर स्तब्ध रह गया, विशेषकर जब वे खुद इससे हटना चाहते थे।

महाराष्ट्र के पार्टी के वरिष्ठ नेता गांधी ने यह भी खुलासा किया है कि केजरीवाल ने पूर्व में यह कहा था कि अगर भूषण और यादव पीएसी के सदस्य रहते हैं तो वे आप के राष्ट्रीय संयोजक के तौर पर काम नहीं कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह आरोप लगाया गया कि यादव केजरीवाल के खिलाफ साजिश कर रहे थे और बैठक के दौरान कुछ साक्ष्य भी पेश किए गए।

गांधी ने कहा कि पार्टी के कामकाज में ऐसे मतभेद हैं जिन्हें नहीं सुलझाया जा सकता और एके (केजरीवाल), पीबी (भूषण) और वाईवाई (यादव) के बीच में विश्वास की कमी है। योगेंद्र ने कहा कि वे जानते हैं कि काम करने में मुश्किल होने के कारण अरविंद उन्हें पीएसी में नहीं रखना चाहते हैं। वे और प्रशांत पीएसी से बाहर रहेंगे लेकिन उन्हें बाहर नहीं किया जाना चाहिए। ऐसे में उन्होंने दो फार्मूले पेश किए गए।

मयंक गांधी ने कहा-पीएसी का पुनर्गठन किया जाना चाहिए और मतदान के जरिए नई पीएसी के सदस्यों का चुनाव किया जाना चाहिए। पीबी और वाईवाई अपनी दावेदारी पेश नहीं करेंगे। पीएसी अपने वर्तमान स्वरूप में काम जारी रखेगी और वाईवाई व पीबी किसी बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे। उन्होंने कहा कि बैठक में एक विराम के बाद मनीष और अन्य लोगों ने दिल्ली टीम के आशीष खेतान, आशुतोष, दिलीप पांडे और अन्य लोगों के साथ परामर्श किया। फिर से बैठक शुरू होने के बाद, मनीष ने वाईवाई और पीबी को पीएसी से बाहर निकालने के लिए एक प्रस्ताव पेश किया और संजय सिंह ने इसका समर्थन किया।

गांधी ने कहा कि सिसोदिया के पेश किए गए प्रस्ताव को लेकर वे ‘स्तब्ध’ थे। उन्हें सार्वजनिक रूप से हटाए जाने, विशेषकर उनके खुद हट जाने के प्रस्ताव के बाद प्रस्ताव को लेकर मैं दंग रह गया। इसके अलावा उन्हें हटाने का यह फैसला दुनिया भर के कार्यकर्ताओं की भावनाओं के खिलाफ है। मैं उन्हें पीएसी से बाहर रखने पर सहमत था लेकिन जिस तरह से और जिस भावना से यह प्रस्ताव लाया गया वह अस्वीकार्य था। ऐसे में मैंने अनुपस्थित रहने का फैसला किया।

इस बीच गुरुवार सुबह पत्रकारों के साथ बातचीत में यादव ने गांधी के ब्लॉग पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया और कहा कि उन्होंने उसे पढ़ा। उन्होंने पार्टी छोड़ने की संभावनाओं से इनकार किया और कहा कि समर्थकों को विश्वास और भरोसा है। स्वराज, लोकतंत्र, नैतिकता और सम्मान के सिद्धांतों के लिए मैं लगातार काम करता रहूंगा। यह आप में उम्मीद खोने का समय नहीं है।

हटाने के तरीके से स्तब्ध : मयंक
यादव और भूषण के पीएसी से हटने की पेशकश किए जाने के बावजूद मनीष सिसोदिया के यादव और भूषण को हटाए जाने का प्रस्ताव लाए जाने की घटना से मैं स्तब्ध हूं। मैं उन्हें पीएसी से बाहर रखने पर सहमत था लेकिन जिस तरह से और जिस भावना से यह प्रस्ताव लाया गया वह अस्वीकार्य था। ऐसे में मैंने अनुपस्थित रहने का फैसला किया।

संवादहीनता की स्थिति : प्रशांत
हो सकता है कि केजरीवाल जिन लोगों से घिरे हैं, उन्होंने भी दोनों के खिलाफ उनके कान भरे हों। भूषण ने कहा कि आप को संदिग्ध कंपनियों से मिले 50 लाख रुपए के चंदे के मामले में जांच करने की जरूरत है ताकि यह दोबारा नहीं हो। यह चिंता वे पहले भी उठा चुके हैं। भूषण के मुताबिक उनके और केजरीवाल के बीच संवाद तंत्र टूट गया है।

आप में उम्मीद कायम : योगेंद्र
योगेंद्र यादव ने गांधी के ब्लॉग पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। साथ ही उन्होंने पार्टी छोड़ने की संभावनाओं से इनकार किया और कहा कि समर्थकों को विश्वास और भरोसा है। स्वराज, लोकतंत्र, नैतिकता और सम्मान के सिद्धांतों के लिए मैं लगातार काम करता रहूंगा। यह आप में उम्मीद खोने का समय नहीं है।