दिल्ली में आप-कांग्रेस गठबंधन (AAP-Congress alliance) की औपचारिक घोषणा के कुछ ही घंटों बाद सीएम अरविंद केजरीवाल एलजी-केंद्र द्वारा पानी के बिलों के लिए एकमुश्त निपटान योजना में कथित तौर पर बाधा डालने के विरोध में नागरिकों के साथ बातचीत के लिए सड़कों पर उतरे। दक्षिणपूर्वी दिल्ली के गोविंदपुरी में निवासियों से मुलाकात की, जो कालकाजी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है। इसका प्रतिनिधित्व वरिष्ठ आप नेता आतिशी करती हैं। वह उनके साथ थीं। केजरीवाल ने वहां के लोगों को पानी के गलत बिलों को सुधारने का आश्वासन देने की मांग की।

पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक वह 2013 में पार्टी की पहली सरकार के गठन से पहले आप संयोजक द्वारा दोषपूर्ण बिजली कनेक्शन काटने के दृश्यों के समान था। सीएम ने प्रतीकात्मक रूप से एक “गलत बिल” फाड़ दिया।

पार्टी मुख्यालय पर जल्द ही एक बड़ा कार्यक्रम होगा

केजरीवाल ने इस बात पर जोर देने की कोशिश की कि दिल्ली सरकार “उपराज्यपाल के माध्यम से बीजेपी की बाधा के बावजूद” योजना को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है। सूत्रों ने कहा कि केजरीवाल आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर पार्टी मुख्यालय में “एक बड़े कार्यक्रम” में शामिल हो सकते हैं। ये कथित तौर पर 11 लाख से अधिक परिवारों को प्रभावित करेगा।

गलत बिल को माफ करने की योजना लाएगी सरकार

उन्होंने आरोप लगाया, “हमने पानी मुफ़्त कर दिया है। फिर भी अगर इतने ज्यादा बिल आ रहे हैं तो यह गलत है… हम गलत बिल माफ करने की योजना लाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन बीजेपी एलजी के जरिए इस योजना को रोक रही है… बीजेपी की मुझसे दुश्मनी है, वे इतनी दुश्मनी क्यों पाल रहे हैं लोगों के साथ?”

सीएम ने कहा कि जिन लोगों को गलत बिल मिले हैं, उन्हें उनका भुगतान नहीं करना चाहिए और सरकार इस योजना को “जितनी जल्दी हो सके” लागू करने की कोशिश कर रही है। इस योजना का उद्देश्य उपभोक्ताओं को एक बार में दोबारा बने बिलों का भुगतान करके बकाया राशि का निपटान करने की अनुमति देना है; इन्हें स्वचालित तरीके से फिर से बनाया जाएगा और ग्राहकों को व्यक्तिगत रूप से दिल्ली जल बोर्ड (DJB) कार्यालयों में अपने बिलों में सुधार नहीं करवाना पड़ेगा।