पूर्ण राज्य के मुद्दे पर कांग्रेस का आरोप है कि अरविंद केजरीवाल दिल्ली को पूर्ण राज्य बनाने का मुद्दा इसलिए उठा रहे हैं ताकि उनके असंवैधानिक तरीके से बनाए गए 21 संसदीय सचिवों की सदस्यता बनी रहे और जनता का ध्यान बिजली-पानी की समस्या से हटाया जा सके। कांग्रेस प्रवक्ता शमिष्ठा मुखर्जी ने कहा कि केजरीवाल जिस जनमत संग्रह की बात कर रहे हैं संविधान उसकी अनुमति ही नहीं देता। केशवानंद भारती के मुकदमे का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के 13 न्यायधीशों की खंडपीठ ने भारत में जनमत संग्रह को सिरे से नकार दिया था। इसी प्रकार 44 संविधान संशोधन में आए जनमत संग्रह को भी भारतीय संसद ने हटा कर वह संशोधन पास किया था।
प्रदेश की मुख्य प्रवक्ता सर्मिष्ठा मुखर्जी ने अरविंद केजरीवाल से सवाल पूछा है कि क्या उनके पास केशवानंद भारती केस में आए 13 न्यायधीशों के फैसले का कोई काट है जिसके आधार पर वे दिल्ली में पूर्ण राज्य के मुद्दे को लेकर जनमत संग्रह करवाना चाहते हैं। प्रवक्ता ने आप सरकार पर जनलोकपाल बिल को लेकर भी हमला किया। सर्मिष्ठा ने कहा, आप पार्टी की स्थापना भ्रष्टाचार को खत्म करने और जनलोकपाल की स्थापना के लिए हुई थी। उन्होंने कहा था कि इस जनलोकपाल बिल में कोई वित्तीय निहितार्थ नहीं है। इसलिए उन्होंने इस बिल को विधानसभा में रखने से पहले उपराज्यपाल की मंजूरी नहीं ली थी।