Nithyananda Case: बेंगलुरु के रामनगर की एक सत्र अदालत ने बृहस्पतिवार (18 अगस्त 2022) को विवादास्पद धर्मगुरु नित्यानंद (Nithyananda) के खिलाफ गैर जमानती वारंट (NBW) जारी किया। तृतीय अतिरिक्त जिला एवं सत्र अदालत ने 2010 में हुए बलात्कार के मामले में यह गैर जमानती वारंट जारी किया।

अदालत ने इससे पहले भी नित्यानंद के खिलाफ वारंट जारी किया था लेकिन पुलिस उसका पता लगाने में असफल रही थी। यह मामला पहले से अदालत में विचाराधीन है और तीन चश्मदीदों से पूछताछ की जा चुकी है लेकिन आरोपी नित्यानंद की अनुस्पथिति में मुकदमा तीन साल से लटका है।

2019 से जारी किसी भी समन का नहीं दिया जवाब: नित्यानंद ने अपने खिलाफ 2019 से जारी किसी भी समन का जवाब नहीं दिया है। गुरुवार को जारी हुआ गैर जमानती वारंट 23 सितंबर तक वापस किया जा सकता है। नित्यानंद के ड्राइवर लेनिन की शिकायत के आधार पर 2010 में उस पर बलात्कार का मामला दर्ज किया गया था। नित्यानंद को इस मामले में गिरफ्तार भी किया गया था और बाद में जमानत पर छोड़ दिया गया था।

देश छोड़कर भाग गया: लेनिन ने याचिका भेजी थी जिसमें दावा किया गया था कि नित्यानंद देश छोड़कर भाग गया है। जिसके बाद 2020 में नित्यानंद की जमानत फिर रद्द की गई। माना जाता है कि नित्यानंद ने देश छोड़ दिया है और अपना आश्रम उस स्थान पर स्थापित किया जिसे वह ‘कैलाशा’ कहता है। यह जगह कहां है इसको लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जाते हैं।

गौरतलब है कि नित्यानंद के खिलाफ बलात्कार का मामला रामनगर सेशंस कोर्ट में पेंडिंग है और वह 2019 से कोर्ट में पेश नहीं हुआ है। कई समन का जवाब न देने के बाद, नित्यानंद के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया।

नया देश बसाने का ऐलान: गौरतलब है कि यौन शोषण के इलज़ाम से घिरे नित्यानंद ने देश से भाग कर भारत से करीब 16 हजार किलोमीटर दूर एक नया देश बसाने का ऐलान किया था। नित्यानंद ने लैटिन अमेरिकी देश इक्वॉडोर के नज़दीक एक टापू को खरीद कर उसे नया देश घोषित कर दिया है और नाम रखा है ‘कैलाशा’। इस हिंदू राष्ट्र का अपना पासपोर्ट है, अपना संविधान है, अपना प्रधानमंत्री, अपनी कैबिनेट और अपनी सेना है। नित्यानंद का दावा है कि दुनिया का कोई भी हिंदू यहां की नागरिकता पा सकता है।