West Bengal SSC Scam: पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री और तृणमूल कांग्रेस महासचिव पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी के आवास पर प्रवर्तन निदेशालय ने 23 जुलाई को छापेमारी की। इस छापेमारी के दौरान एक काली डायरी और एक पॉकेट डायरी भी बरामद की गई थी। इन दोनों डायरियों में कोडिंग में बहुत कुछ लिखा है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) का दावा है कि ये डायरी पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले को लेकर कई राज खोलेगी। प्रवर्तन निदेशालय के सूत्रों ने कहा कि इन दोनों डायरियों में कई कोड एंट्री हैं, जो पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (WBSSC) भर्ती में हुए घोटालों में मिले पैसों से संबंधित हो सकती है।
प्रवतर्न निदेशालय ने इस बात का दावा है कि शिक्षकों की भर्ती में मोटी रकम वसूली गई थी। डायरी में कोड के जरिए हुई एंट्री घोटाले की प्रक्रिया को सुचारू रूप से चलाने के लिए कुछ व्यक्तियों को भुगतान करने से संबंधित हो सकती हैं। प्रवर्तन निदेशालय के सूत्रों के मुताबिक, ‘इन डायरियों में लिखे कोड को डिकोड करने का काम एक्सपर्ट्स की मदद से शुरू हो गया है।’
ED ने कहा 3 अगस्त से पहले कर देंगे Decode
न्यूज एजेंसी आईएएनस के मुताबिक ईडी के एक अधिकारी ने बताया, ‘हमारा लक्ष्य 3 अगस्त से पहले एंट्री को डिकोड करना है, ताकि हम हिरासत अवधि के दौरान ही पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी से पूछताछ कर सकें।’ हालांकि, ईडी के सूत्रों ने कहा कि कुछ कोड एंट्री की लिखावट पार्थ चटर्जी या अर्पिता मुखर्जी से मेल नहीं खाती है, जिससे साफ है कि इस खेल में कोई तीसरा व्यक्ति भी शामिल है।
Mobile से मिला अहम नंबर, मिल सकते हैं महत्वपूर्ण सुराग
पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी के मोबाइल फोन के कॉल हिस्ट्री की जांच की गई तो एक ऐसा नंबर प्राप्त हुआ, जिसपर नियमित रुप से कॉल की जा रही थी। ईडी अधिकारी ने कहा, हम अभी किसी भी विवरण का खुलासा करने में सक्षम नहीं हैं। लेकिन इस नंबर के साथ बातचीत से हमें कुछ महत्वपूर्ण सुराग मिल सकते हैं।
मेरे फ्लैट को Mini Bank की तरह इस्तेमाल कियाः अर्पिता
ईडी के एक अधिकारी ने बताया,’अर्पिता ने कबूल किया है कि चटर्जी उसके टॉलीगंज और बेलघरिया दोनों आवासों में सप्ताह में एक या दो बार आते थे और उनके साथ एक अज्ञात व्यक्ति भी आया करता था।’ अधिकारी ने आगे बताया, ‘चटर्जी ने अर्पिता को अलमारी नहीं खोलने और उन कमरों में बार-बार आने से बचने का सख्त निर्देश दिया थे, जहां से नकदी बरामद की गई थी।’ पूछताछ में ये जानकारी भी सामने आई है कि चटर्जी जब भी अर्पिता मुखर्जी के आवास पर जाते थे, तो मंत्री अज्ञात व्यक्ति के साथ बंद कमरे में बैठक करते थे। उसमें अर्पिता को शामिल होने की इजाजत नहीं होती थी।
दो कंपनियों की निदेशक हैं अर्पिता मुखर्जी
ईडी ने छापेमारी के दौरान दो ऐसी कंपनियों का पता चला है जिसकी निदेशक अर्पिता मुखर्जी हैं। उनमें से एक, सेंट्री इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड है जिसका पंजीकृत कार्यालय डायमंड सिटी साउथ, टॉवर -2, फ्लैट नंबर -1 ए, पहली मंजिल, कोलकाता – पश्चिम बंगाल 700041 में है, जो वही आवास परिसर है जिसमें अर्पिता मुखर्जी का निवास है, जहां से ईडी अधिकारियों ने बड़ा खजाना बरामद किया है।
