टि्वटर पर इन दिनों अंबरीन जैदी के ट्वीट छाए हुए हैं जिसमें उन्होंने दिल्ली में मुस्लिम को घर खोजने में होने वाली दिक्कतों के बारे में बताया था। अंबरीन के मुताबिक, आर्मी ऑफिसर की पत्नी होने के बावजूद लोग उन्हें मुस्लिम होने की वजह से घर देने को तैयार नहीं थे। अंबरीन, जिन्होंने अपने टि्वटर अकाउंट पर ‘प्राउड इंडियन फौजन’ लिख रखा है, उन्होंने लिखा था, ‘हम दिल्ली में एक घर ढूंढ रहे हैं पर मकान मालिक हमारा धर्म जानकर मना कर देते हैं। मेरे पति के आर्मी में होने का भी कोई फर्क नहीं पड़ता मेरे धर्म के नाम पर ही सब तय होता है।’

धर्म के नाम पर घर ना मिलने का यह पहला मामला नहीं है। इससे कुछ दिन पहले ही UN की एक रिपोर्ट भी आई थी जिसमें बताया गया था कि मुस्लिम लोगों को दिल्ली समेत कई जगहों पर घर तलाशने में दिक्कत होती है।

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अंबरीन के ट्वीट के बाद उन्हें  टि्वटर पर ही घर के ऑफर भी मिलने लगे।

वहीं, जमशेद खान नाम के एक टीवी पत्रकार ने भी बताया था कि उन्हें दिल्ली में किराए के लिए एक अच्छा घर तलाशने में 15 साल लग गए थे। उन्होंने लिखा था, ‘मैं लोगों को कहता था कि मैंने हिंदू लड़की से शादी की हुई है और मैंने अपनी मर्जी से मांस खाना भी छोड़ रखा है, बावजूद इसके कोई मुझे किराएदार नहीं बनाना चाहता था’

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हालांकि, अब उन्हें एक हिंदू शख्स ने ही अपना घर किराए पर दे रखा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक यह भी देखा गया है कि अच्छा घर ना मिलने के बाद मुस्लिम समुदाय के रईस लोग भी दिल्ली के जामिया नगर में घर छोटा घर लेकर रहने लगते हैं। जहां मुस्लिम आबादी ज्यादा होने की वजह से कोई उनके धर्म पर सवाल नहीं उठाता।