शराब कारोबारी विजय माल्या की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने राष्ट्रीयकृत बैंकों के कंसोर्टियम से हासिल 6027 करोड़ रुपए के कर्ज की अदायगी में कथित चूक की जांच के लिए माल्या और उनके सहयोगियों के खिलाफ धन शोधन का नया मामला दर्ज किया है। इस मामले की जांच की जिम्मेदारी हाल में ही सीबीआइ ने संभाली थी। अधिकारियों ने बताया कि एजंसी ने धन शोधन निरोधक अधिनियम के प्रावधानों के तहत दूसरा मामला दर्ज किया, जब हाल में उसे सीबीआइ से मामले का विवरण मिला। सीबीआइ ने भारतीय स्टेट बैंक से शिकायत मिलने के बाद प्राथमिकी दर्ज की है। सीबीआइ ने इस महीने की शुरुआत में आइपीसी की धाराओं के तहत माल्या के खिलाफ एसबीआइ से बैंकों के कंसोर्टियम की तरफ से मिली शिकायत के आधार पर आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी का नया मामला दर्ज किया था। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि माल्या ने 2005-10 के दौरान लिए गए कर्ज के भुगतान के वादे को पूरा नहीं करके उन्हें 6027 करोड़ रुपए का नुकसान पहुंचाया है।
नया मामला दर्ज करके प्रवर्तन निदेशालय मुश्किलों में घिरे शराब कारोबारी के खिलाफ जांच को मजबूत करना चाहता है और माल्या के खिलाफ शुरू की गई कार्रवाइयों को तेज करना चाहता है। इसमें माल्या के खिलाफ इंटरपोल से वैश्विक गिरफ्तारी वारंट जारी कराना और पीएमएलए के सख्त प्रावधानों के तहत उनकी और संपत्तियों को कुर्क करना शामिल है। इन कदमों के अलावा वह भारत-ब्रिटेन पारस्परिक कानूनी सहायता संधि (एमएलएटी) का भी इस्तेमाल करना चाहता है, ताकि माल्या को भारत वापस लौटने पर मजबूर किया जा सके और वह जांच में शामिल हों। माल्या के अलावा उनकी कंपनियां किंगफिशर एअरलायंस और यूनाइटेड ब्रिवरीज होल्डिंग्स लिमिटेड को भी सीबीआइ की प्राथमिकी में आरोपी बनाया गया है। यह अब इडी के मामले का भी हिस्सा है।
दोनों केंद्रीय जांच एजंसियों ने इसके पहले अब बंद हो चुकी केएफए द्वारा आइडीबीआइ बैंक से हासिल कर्ज की अदायगी में कथित चूक को लेकर मामले दर्ज किए थे। इडी शीघ्र ही पीएमएलए के तहत माल्या की संपत्तियों की कुर्की का दूसरा दौर शुरू करने की तैयारी कर रही है। माल्या इस महीने मुंबई में विशेष पीएमएलए अदालत के समक्ष उपस्थित नहीं हुए थे। सूत्रों ने बताया कि एजंसी ने कुछ गिरवी रखे शेयर, माल्या और उनके परिवार की चल और अचल संपत्तियों की पहचान की है, जिसे जब्त किया जाएगा। वह विशेष अदालत से माल्या को भगोड़ा घोषित कराने की प्रक्रिया में भी है। इसे विदेश मंत्रालय को भेजा जाएगा, ताकि जांच में शामिल होने के लिए माल्या को वापस लाने के लिए भारत-ब्रिटेन एमएलएटी को लागू कराया जा सके। प्रवर्तन निदेशालय पहले ही माल्या की 1411 करोड़ रुपए की संपत्ति पीएमएलए के तहत कुर्क कर चुका है।

