केंद्रीय इस्पात मंत्री आरसीपी सिंह के BJP में शामिल होने की खबर बहुत तेजी से फैली थी। कई मीडिया चैनलों ने इस बात का दावा भी कर दिया था कि केंद्रीय मंत्री और जेडीयू नेता आरसीपी सिंह जनता दल यूनाटेड छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया है। इस खबर पर बीजेपी की ओर से पहले प्रतिक्रिया आई कि उन्होंने बीजेपी नहीं ज्वाइन की है। हालांकि उनकी एक तस्वीर भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही थी कि वो बीजेपी में शामिल हो गए हैं इस तस्वीर को लेकर लोगों ने इस बात का दावा किया था कि वो बीजेपी में शामिल हो गए हैं।

सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीर के बारे में पत्रकारों से बातचीत करते हुए आरसीपी सिंह ने बताया, ये तस्वीर हैदराबाद एयरपोर्ट की है जहां इस्पात मंत्री आरसीपी सिंह अपने सरकारी कार्यक्रम के लिए हैदराबाद के दौरे पर पहुंचे थे उसी दौरान हवाई अड्डे पर बीजेपी कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया था। दरअसल तेलंगाना बीजेपी राष्ट्रीय कार्यसमिति में हिस्सा लेने पहुंचने वालों का स्वागत किया जा रहा था इसी दौरान ये तस्वीर ली गई थी। जैसे ही आरसीपी सिंह एयरपोर्ट पर पहुंचे बीजेपी स्वागत समिति ने उनका भी स्वागत किया और उसी दौरान की ये फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई।

वहीं जब पत्रकारों ने आरसीपी सिंह से पूछा कि वो बीजेपी कब ज्वाइन कर रहे हैं तो उन्होंने कहा ये आपको पता होगा। फिलहाल मैं अपने गांव जा रहा हूं वहां से मैं अपने कार्यकर्ताओं के संपर्क में रहूंगा। वो जहां भी मुझे बुलाएंगे वहां मैं जाउंगा और फिर उनके काम में उनका सहयोग करूंगा। आरसीपी सिंह से जब पत्रकारों ने ये पूछा कि जेडीयू से आपके बहुत से कार्यकर्ताओं को निकाल दिया गया तो उन्होंने जवाब देते हुए कहा, ये पार्टी का काम वो जाने किसे रखना है किसे निकालना है।

उपेंद्र कुशवाहा के नाम पर भड़के थे आरसीपी सिंह
वहीं इसके पहले योग दिवस के दिन जब मीडिया कर्मियों ने केंद्रीय मंत्री से उपेंद्र कुशवाहा के बारे में पूछ लिया था तो उन्होंने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा, “आप किसका नाम इस खूबसूरत अवसर पर ले रहे हैं। बोधगया भगवान बुद्ध का पवित्र स्थान है। कृपया भगवान बुद्ध का नाम लें।” दरअसल, एक हफ्ते पहले, उपेंद्र कुशवाहा ने कहा था कि आरसीपी सिंह की राज्यसभा की सदस्यता जाने वाली है। ऐसे में नैतिकता के तौर पर उन्हें केंद्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।

इस वजह से आई नीतीश के साथ संबंधों में खटास
कभी नीतीश कुमार के बाद पार्टी में नंबर दो की हैसियत रखते थे आरसीपी सिंह यानी रामचंद्र प्रसाद सिंह। साल 2020 में नीतीश कुमार ने उन्हें पार्टी का अध्यक्ष भी बनाया था। लेकिन जेडीयू ने केंद्र सरकार से केंद्रीय मंत्रिपरिषद में दो सीटों की मांग कर रखी थी। इस पर आरसीपी सिंह ने एक ही मंत्रिपद पर बात स्वीकार कर ली इसके बाद से ही नीतीश कुमार के साथ आरसीपी सिंह के 2 दशकों पुराने संबंधों में खटास आ गई। इसके बाद लोगों ने इस बात का कयास लगाना शुरू कर दिया था कि इस बार नीतीश उन्हें राज्यसभा नहीं भेजेंगे और आगे आकर वही बात सही साबित हुई।