तेलगू देशम पार्टी के मुखिया और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू के एक दिन के अनशन पर ही राज्य सरकार ने खजाना खोल दिया। नायडू सोमवार को नई दिल्ली में ‘धर्मा पोरता दीक्षा’ आयोजन के तहत एन दिवसीय अनशन पर बैठे थे। इस एक दिन पर ही 10 करोड़ रुपए खर्च कर दिए गए। इसे लेकर प्रदेश सरकार ने 6 फरवरी को ही ऑर्डर जारी किया था। जिसमें आवंटित की गई धनराशि विरोध प्रदर्शन के लिए बताई गई थी।
देश की राजधानी में हुए नायडू के अनशन के लिए आंध्र प्रदेश सरकार ने दो ट्रेनें भी बुक कराई थीं। यह ट्रेनें श्रीकाकुलम और अनंतपुर से विरोध प्रदर्शन में शामिल होने वालों के लिए बुक हुई थीं। इसके लिए बाकायदा सरकार ने मोटी धनराशि भी खर्च की। दो ट्रेनों के लिए नायडू सरकार ने 1 करोड़ 12 लाख रुपए भरे। इसके साथ ही सरकार ने रुकने और खाने पीने पर भी शाही अंदाज में खर्च किया। विरोध जताने दिल्ली आए वीआईपी और अन्य लोगों के लिए 1100 कमरे बुक किए गए थे।
आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिलने के विरोध में चंद्रबाबू नायडू सोमवार (11 फरवरी) को एकदिवसीय भूख हड़ताल पर थे। दिल्ली में आंध्र भवन के बाहर वह सोमवार सुबह 8 बजे से ही धरने पर बैठे गए थे। अपने अनशन के दौरान नायडू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर हमला बोला। आंध्र प्रदेश से निकलकर नई दिल्ली में अनशन करने पहुंचे मुख्यमंत्री नायडू ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा था कि उन्होंने राजधर्म का पालन नहीं किया। यहां नायडू ने आरोप लगाया कि केंद्र ने आंध्र को विशेष राज्य का दर्जा देने वादा पुनर्गठन अधिनियम 2014 के तहत किया था। लेकिन इसे पूरा नहीं किया गया।
बता दें कि, बीते साल मार्च 2018 में तेलगु देशम पार्टी (टीडीपी) एनडीए के कुनबे से अलग हो गई थी। उस दौरान भी चंद्रबाबू नायडू ने मोदी सरकार पर आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नहीं देने का आरोप लगाया था। उनका कहना था कि सरकार बनाते वक्त मोदी ने विशेष राज्य का दर्जा देने का वादा भी किया था। इसके बाद से दोनों ही सरकारें एक दूसरे पर जमकर हमला बोलती आ रही हैं।