तेलगु देशम पार्टी के अध्यक्ष एन चंद्रबाबू नायडू ने शुक्रवार को कहा कि वो संकल्प लेते हैं, जबतक उनकी पार्टी सत्ता में नहीं लौटेगी वो आंध्र प्रदेश विधानसभा में कदम नहीं रखेंगे। भरी सभा में नम आंखों से विपक्ष के नेता ने सदन में कहा कि सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस के सदस्यों द्वारा उन पर लगातार किए जा रहे अपशब्दों से वह आहत हैं।
नायडू ने कहा- “पिछले ढाई साल से मैं अपमान सह रहा हूं लेकिन शांत रहा। आज उन्होंने मेरी पत्नी को भी निशाना बनाया है। मैं हमेशा सम्मान के साथ जीया। मैं इसे और नहीं ले सकता।” सत्तारूढ़ दल के सदस्यों ने नायडू की प्रतिज्ञा को नाटक करार दिया है।
कृषि क्षेत्र पर एक संक्षिप्त चर्चा के दौरान सदन में दोनों पक्षों के बीच तीखी नोकझोंक के बाद पूर्व मुख्यमंत्री ने अपनी निराशा व्यक्त की। बाद में, उन्होंने अपने कक्ष में अपनी पार्टी के विधायकों के साथ एक बैठक की, जहां वो फूट-फूट कर रो पड़े।
#WATCH | Former Andhra Pradesh CM & TDP chief Chandrababu Naidu breaks down at PC in Amaravati
He likened the Assembly to 'Kaurava Sabha' & decided to boycott it till 2024 in protest against 'ugly character assassinations' by YSRCP ministers & MLAs, says TDP in a statement pic.twitter.com/CKmuuG1lwy
— ANI (@ANI) November 19, 2021
वहीं दूसरी और चंद्रबाबू नायडू के एक समर्थक ने भी कुछ ऐसी ही कसम ले ली है। नायडू के एक समर्थक श्रीनिवासुलु ने आधा सिर और मूंछ मुंडवा लिया है। उसका कहना है कि जबतक चंद्रबाबू की सरकार नहीं बन जाती, वो ऐसे ही रहेगा। टीडीपी नेता ने गले में एक स्लेट भी लटका रखा हैं, जिसमें लोगों से नायडू को फिर से वोट देने और मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी को सत्ता से उखाड़ फेंकने की बात लिखी गई है।
श्रीनिवासुलु का दावा है कि सत्तारूढ़ वाईएसआरसीपी ने निकाय चुनाव में नियमों का उल्लघंन किया है। मंत्री अनिल कुमार और उनके समर्थकों ने नेल्लोर नगर निकाय चुनावों में वोट खरीदने के लिए कथित तौर पर बड़ी रकम का भुगतान किया। जिससे उनकी पार्टी इन चुनाव में हार गई। वहीं दूसरी सत्ताधारी वाईएसआरसीपी ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है।
बता दें कि पिछले विधानसभा चुनाव में चंद्रबाबू को बड़ी हार का सामना करना पड़ा था। वाईएसआरसीपी की राज्य में सरकार बनी थी, और चंद्रबाबू नायडू को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ गया था। जिसके बाद जगन मोहन रेड्डी सीएम बने थे।