सुजीत बिसोई
ओडिशा में अपनी पत्नी का शव कंधे पर लटका कर ले जा रहे एक आदिवासी शख्स की आंध्र प्रदेश पुलिस ने मदद की है। बुधवार को यह शख्स अपनी पत्नी का शव कई किलोमीटर तक पैदल लेकर चला। इस दौरान पुलिसकर्मियों ने उसको देखा तो वे मदद के लिए उसके पास गए।
8 फरवरी को पत्नी को कराया था अस्पताल में भर्ती
विशाखापत्तनम के पास दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम करने वाले 35 वर्षीय सामुलु पांगी की पत्नी इदे गुरु की आंध्र प्रदेश के एक निजी अस्पताल में मृत्यु हो गई थी। पांगी ने 8 फरवरी को उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया था। आंध्र प्रदेश पुलिस के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि गुरु पर इलाज का कोई असर नजर नहीं आ रहा था और वे रिस्पोंड भी नहीं कर रही थीं। इसके बाद डॉक्टरों ने पांगी को पत्नी को घर वापस ले जाने का सुझाव दिया क्योंकि गुरु की बचने की संभावना काफी कम थी।
पत्नी की मृत्यु के बाद ऑटो से नीचे उतारा
सामलु पांगी का गांव विशाखापत्तनम से लगभग 160 किमी दूर स्थित ओडिशा के कोरापुट जिले में पटंगी ब्लॉक के तहत आता है। पत्नी को वापस लाने के लिए उन्होंने एक ऑटोरिक्शा बलाया था। उनकी एंबुलेंस किराए पर लेने की सामर्थ्य नहीं थी। पांगी के पैतृक स्थान से लगभग 130 किमी दूरी पर विजयनगरम में गुरु का निधन हो गया। इसके बाद ऑटोवाले ने उन्हें बीच रास्ते में ही उतार दिया। 9 फरवरी को पुलिस ट्वीट कर बताया कि जब ऑटो विजयनगरम पहुंचा तो महिला का निधन हो गया। जैसे ही ऑटो चालक ने शव को नीचे उतारा तो आदमी को कोई और रास्ता नहीं मिला और वह अपनी पत्नी के शव को कंधे पर लेकर 130 किमी तक घर की ओर चलने लगा।
पांगी के पास पैसे नहीं थे इसलिए वह अपनी पत्नी के शव को अपने गांव ले जाने के लिए वाहन किराए पर नहीं ले सकता था। इसके बाद उन्होंने शव को अपने कंधे पर रखा और कुछ किलोमीटर तक चले। पांगी की आपबीती देख कुछ लोगों ने पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद पुलिस हरकत में आ गई।
जब खबर विजयनगरम पुलिस तक पहुंची तो उन्होंने शव को पांगी के गांव ले जाने के लिए एक एंबुलेंस की व्यवस्था की। आंध्र प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) केवी राजेंद्रनाथ रेड्डी ने ट्वीट कर इसके लिए पुलिस की सराहना की। 2016 में ओडिशा के कालाहांडी जिले के थुआमुल रामपुर के एक आदिवासी दाना मांझी ने कथित तौर पर सरकारी अस्पताल द्वारा शववाहन से इनकार किए जाने के बाद अपनी पत्नी की लाश को अपने कंधे पर लाद लिया था।