खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के करीबी साथी पप्पलप्रीत सिंह (Papalpreet Singh) को गिरफ्तारी के बाद असम के डिब्रूगढ़ ले जाया गया है।मंगलवार सुबह अमृतसर के श्री गुरु राम दास जी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर मीडिया से बातचीत में पप्पलप्रीत सिंह ने अपने सरेंडर की अफवाहों को खारिज करते हुए कहा था कि मैं पूरे होश में हूं और मुझे कल गिरफ्तार कर लिया गया है।
अमृतसर ग्रामीण पुलिस ने पप्पलप्रीत सिंह को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत सोमवार को पंजाब के अमृतसर जिले के कैथूनंगल से गिरफ्तार किया था। उसके खिलाफ छह अन्य मामले भी दर्ज हैं।
पप्पलप्रीत सिंह (Papalpreet Singh) 18 मार्च से वारिस पंजाब दे प्रमुख अमृतपाल के साथ फरार चल रहा था और पिछले महीने सोशल मीडिया पर दोनों की तस्वीरें भी सामने आई थीं।
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी पहुंची असम
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को वारिस पंजाब दे सदस्यों से मुलाकात की जो वर्तमान में असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं। पापलप्रीत डिब्रूगढ़ जेल में नौवां वारिस पंजाब दे बंदी होगा।
बता दें कि अमृतपाल 18 मार्च से फरार है। पंजाब पुलिस लगातार उसकी तलाश में छापेमारी कर रही है। करीब तीन हफ्ते पहले अमृतपाल के समर्थकों ने 23 फरवरी को अमृतसर के अजनाला पुलिस स्टेशन पर धावा बोल दिया था, जिसमें उनके करीबी सहयोगी लवप्रीत तूफान की रिहाई की मांग की गई थी।
अप्रैल की शुरुआत में सोशल मीडिया पर एक सीसीटीवी फुटेज में अमृतपाल सिंह के करीबी पप्पलप्रीत सिंह को कथित तौर पर देखा गया था। पपलप्रीत सिंह (Papalpreet Singh) को होशियारपुर के तनौली गांव के पास डेरा में देखा गया था।
हालांकि यह फुटेज 29 मार्च का बताया जा रहा था। इसके एक दिन बाद पंजाब पुलिस की काउंटर इंटेलिजेंस विंग की एक टीम ने फगवाड़ा से एक टोयोटा इनोवा वाहन का पीछा किया था। पुलिस को संदेह था कि अमृतपाल और पप्पलप्रीत उसमें यात्रा कर रहे थे। जिस ‘डेरा’ की फुटेज सामने आई है, वह एक गांव में स्थित है, जो मरनियां गांव से महज दो से तीन किमी दूर है। पुलिस ने दोनों की तलाश के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चलाया था।