गुजरात में पाटीदारों का विरोध झेल रही बीजेपी अब फूंक-फूंककर कदम रख रही है। कुछ दिन पहले, सूरत में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के एक कार्यक्रम में हार्दिक पटेल के नेतृत्व वाले पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (PAAS) के प्रदर्शनकारियों के कुर्सियां फेंक कर व्यवधान डाला था। इसी को देखते हुए, जसदान में कार्यक्रम के अायोजकों ने ऐसी किसी घटना की पुनरावृत्ति से बचने के लिए कुर्सियों को एक-दूसरे से बांध दिया। रविवार को हुए इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विजय रुपानी ने हिस्सा लिया। राजकोट के पाटीदार बहुल इलाके जसदान तालुका के आटकोट गांव में एक मल्टी-स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के शिलान्यास कार्यक्रम में करीब 25,000 लोग शामिल हुए। कड़ी सुरक्षा के बीच, प्रदर्शन की आशंका को देखते हुए पुलिस ने 25 पाटीदारों को हिरासत में ले लिया, जो समारोह स्थल पर घुसने की कोशिश कर रहे थे। कार्यक्रम स्थल पर सिर्फ गिनती की कुर्सियां थीं, ज्यादातर लोग कालीन पर बैठे हुए थे।
8 सिंतबर को प्रदर्शन कर रहे पाटीदारों ने सूत में आयोजित एक कार्यक्रम में जमकर तोड़फोड़ की थी। यह कार्यक्रम व्यापारियों के संगठन पाटीदार अभिवादन समिति (PAS) की ओर से प्रमुख पाटीदार भाजपा नेताओं और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को सम्मानित करने के लिए आयोजित किया गया था। राज्य में अगले साल होने वाले चुनावों के मद्देनजर हुए कार्यक्रम में प्रदर्शनकारियों ने ”हार्दिक, हार्दिक” और ”जय सरदार जय पाटीदार” के नारे लगाए और समारोह स्थल पर कुर्सियों फेंकी। गुरुवार को हुए कार्यक्रम में मौजूद शाह और रुपानी को अपना भाषण बीच में ही स्थगित करना पड़ा था। कार्यक्रम के बाद, जसदान पुलिस थाने के सब इंस्पेक्टर आरएन करमतिया ने कहा, ”किसी तरह की अप्रिय घटना से बचने के लिए, हमने करीब 25 लोगों को हिरासत में लिया था, बाद में उन्हें छोड़ दिया गया।” जब उनसे बांध कर रखी गई कुर्सियों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है, ”मगर अगर ऐसा था तो यह सूरत जैसी स्थिति से बचने के लिए किया गया होगा।”
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25 पाटीदारों को हिरासत में लिए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए सौराष्ट्र में PAAS के संयोजक नीलेश अरवदिया ने कहा, ”गुजरात हिटलर के शासन में है। पुलिस ने PAAS सदस्यों को हिरासत में ले लिया और उन्हें कार्यक्रम में घुसने की इजाजत नहीं दी गई। वे कोई मुकदमा नहीं कर रहे, लेकिन हमें हमारी राय रखने भी नहीं दे रहे।”