देश में मंदिर-मस्जिद विवाद में विरोध और हिंसा तथा राजनीतिक दलों की उठापटक के बीच राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने मंगलवार को संत कबीरदास की जयंती पर उनको याद करते हुए समाज व्यवस्था पर उन्हीं की लिखी एक लाइन को ट्वीट किया। उन्होंने लिखा- “भारत में समाजवाद, सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्षता के जनक एवं धर्मांधता, जातिवाद, रूढ़िवाद, आडम्बर और व्यर्थ के धार्मिक क्रियाकलापों का आजीवन विरोध करने वाले संत कबीर साहेब को उनकी जयंती पर सादर नमन। “एक बूंद एकै मल मूतर, एक चाम एक गूदा एक जाति थै सब उपजा,कौन ब्राह्मण कौन सूदा।”” ज्येष्ठ पूर्णिमा को कबीर दास की जयंती मनाई जाती है। इस बार उनकी जयंती 14 जून 2022 यानी आज मनाई जा रही है।
इन दिनों जब काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में ज्ञानवापी मस्जिद और मथुरा कृष्ण जन्मभूमि के पास ईदगाह को लेकर टकराव जारी है और भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा के बयान के बाद देशभर में हिंसक घटनाएं हो रही हैं, तब राजद नेता तेजस्वी यादव संत कबीर की जयंती पर उनको याद करते हुए उनके ही दोहे से देश में जारी टकराव पर तंज कसा।
इससे पहले भाजपा सरकार पर तंज कसते हुए तेजस्वी यादव ने ट्वीट किया था कि “बिहार के युवा देश के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को निभाने को आतुर हैं, सेना में भर्ती होना चाहते है। लेकिन इन युवाओं की उम्मीदों एवं जरूरतों के बीच कौन दीवार बनकर खड़ा है? यह वही सरकार है जिसने प्रतिवर्ष 2 करोड़ नौकरियों का सपना दिखा पूरी पीढ़ी को छला।”
इस बीच राष्ट्रीय जनता दल के अंदर भी टकराव कम नहीं है। जब से लालू प्रसाद यादव ने आरजेडी में कोई भी फैसला लेने के लिए तेजस्वी यादव को अधिकृत किया है, तब से तेज प्रताप यादव ने छात्र आरजेडी की कमान अपने हाथ में लेने की इच्छा प्रकट कर दी है। यानी लालू परिवार में भी पावर का खेल चल रहा है।
केन्द्रीय राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने नालंदा में कहा कि दूसरों के प्रति करुणा व दयाभाव रखना ही सबसे बड़ा धर्म है। भारत की सभ्यता व सनातन संस्कृति सबसे पुरानी है। यह हमे वसुधैव कुटुम्बकम का पाठ पढ़ाती है। उन्होंने लोगों से धर्म, प्रकृति व मानवता की रक्षा में योगदान देने की अपील की। साथ ही पर्यावरण संरक्षण के लिए पेड़ लगाने व जल की बर्बादी रोकने का आह्वान किया। साथ ही कहा कि आज देश दुनिया को युद्ध की नहीं बुद्ध और कबीर जैसे महापुरुषों के संदेश की पुनः जरूरत है।