Haryana: हरियाणा में मुख्य सचिव (राजस्व) टीवीएसएन प्रसाद ने अंबाला मंडल की आयुक्त रेनू फुलिया द्वारा 14 एकड़ जमीन पर एक विवादास्पद आदेश देने के बाद पंचकूला तहसील में रजिस्ट्रेशन के कामों पर रोक लगा दी। रेनू फुलिया ने एक आदेश में 20 साल पुरानी रोक हटा दी थी। यह जमीन एक राजा की थी। पूर्व अतिरिक्त मुख्य सचिव शशि गुलाटी के भाई पृथ्वी राज छाबड़ा ने एक याचिका दायर की थी। इस पर फैसला लेने में केवल 16 दिन का ही वक्त लगा।

आदेश के कुछ ही महीनों के बाद रेनू के पति एसएस फुलिया और उनके बेटे नीलांचल ने इस जमीन में से पांच एकड़ जमीन खरीदने का फैसला किया। पूर्व आईएएस अधिकारी को 2022 में राज्य सूचना आयुक्त बनाया गया था।

जमीन फुलिया परिवार को बेच दी गई

28 मार्च को शशि गुलाटी और उनके भाई ने लगभग 12 एकड़ जमीन की रजिस्ट्री के लिए पंचकुला में राजस्व विभाग के अधिकारियों से कॉन्टेक्ट किया। उन्होंने दावा किया कि उन्होंने जमीन चार लोगों को कुल 5.26 करोड़ रुपये में बेची थी। पांच एकड़ जमीन फुलिया के परिवार को बेच दी गई और बाकी जमीन मनीमाजरा के रहने वाले और पूर्व आईएफएस की पत्नी शुभम जुनेजा को बेची जानी थी।

29 मार्च के पंचकुला के अधिकारी सुशील सरवन ने टीवीएसएन प्रसाद से आग्रह किया कि राज्य सरकार जमीन के टुकड़े को बेचने पर रोक लगा दे। इसके बाद राजस्व अधिकारियों ने किसी भी तरह के रजिस्ट्रेशन को तुरंत रोक दिया। अधिकारियों के मुताबिक, पंचकुला के राजस्व अधिकारी अभी तक राजा सरदार भगवंत सिंह के स्वामित्व वाली 1,396 एकड़ भूमि के बचे हुए भाग को तय नहीं कर पाए हैं।

आधिकारिक रिकॉर्ड के मुताबिक, शशि गुलाटी और उनके परिवार ने पंचकुला जिले के बीड फिरोजादी गांव में राजा के कानूनी उत्तराधिकारियों से 14 एकड़ जमीन खरीदी थी। उन राजा के पास पंचकुला के सात गांवों जिनमें बीड बाबूपुर, बीड फिरोजादी, भरेली, संगराना, बरवाला, जलोली और फतेहपुर वीरान शामिल हैं। उनमें लगभग 1,396 एकड़ जमीन थी।

पिछले 20 सालों से पंचकुला में कुछ गांवों की भूमि पर रोक लगी हुई है क्योंकि अधिकारी यह जानना चाहते थे कि राजा की भूमि का कौन सा हिस्सा हरियाणा की भूमि जोत सीमा के अंदर आता है। 24 फरवरी को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने पंचकुला के एसडीएम को कानून के अनुसार क्षेत्र को फिर से तय करने का निर्देश दिया। इस बीच, अंबाला के आयुक्त को अपनी याचिका में शशि गुलाटी के परिवार ने यह दावा करते हुए स्थगन आदेश को रद्द करने की मांग की कि संबंधित जमीन सरप्लस कैटेगरी में नहीं आती है। उन्होंने यह भी कहा कि यह रोक पहले भी दो बार हटाई जा चुकी है।

रेनू फुलिया के परिवार ने रोक हटने के बाद खरीदी जमीन

रेनू फुलिया ने स्थगन के आदेश को पलट दिया। रेनू फुलिया ने दावा किया कि जमीन खरीदने के लिए उनके परिवार की बातचीत उनके आदेश के काफी समय बाद हुई। उन्होंने कहा कि जब शशि गुलाटी के परिवार ने कोर्ट में याचिका दायर की तो संबंधित जमीन के मुद्दे पर हमारी कोई भी बातचीत नहीं हुई थी। उन्होंने रूटीन में केस दायर किया और रूटीन में ही फैसला किया।

उन्होंने कहा कि हमारी बातचीत अक्टू्बर-नवंबर 2023 के महीने में हुई थी। उस समय उन्होंने कहा था कि वे जमीन को बेचना चाहते हैं। इसके बाद हमने जमीन को खरीदने का फैसला किया। मेरे पति ने 42.5 लाख रुपये में पांच एकड़ जमीन खरीदने का सौदा किया। मेरे पति ने इशकी जानकारी मुख्य सूचना आयुक्त को दी। मैंने अपने पति और बेटे के नाम पर जमीन खरीदने की इजाजत सरकार से भी ले ली। हमने पांच एकड़ जमीन के लिए कुल 2.25 करोड़ रुपये का भुगतान किया है।