अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने के बाद तबाही का मंजर देखने को मिला है। शुक्रवार शाम साढ़े पांच बजे गुफा के पास बादल फटने के बाद अभी तक 16 लोगों की मौत हो चुकी है और 40 लोग लापता बताए जा रहे हैं। बादल फटने के बाद गुफा के बगल से अचानक सैलाब आ गया। मलबा ऊपरी हिस्से में लगे टेंट तक तो नहीं गया लेकिन यह नीचे की ओर गया जिससे कई टेंट बह गए। एनडीआरएफ, आईटीबीपी और भारतीय सेना राहत व बचाव कार्य में जुटी है और इस दौरान कई लोगों को मौके से सुरक्षित निकाला गया है। बादल फटने के बाद अचानक आई बाढ़ में तेलंगाना के भाजपा विधायक टी राजा सिंह और उनका परिवार बाल-बाल बच गया। भाजपा विधायक ने आपबीती सुनाते हुए कहा कि उन्होंने बादल फटते देखा।

हेलीकॉप्टर से अमरनाथ पहुंचे टी राजा सिंह और उनके परिवार के सदस्य खच्चरों के सहारे पहाड़ियों से उतरे। आपबीती सुनाते हुए भाजपा विधायक ने कहा, ”हमने देखा कि मौसम अचानक बिगड़ गया है। उन स्थिति में हेलिकॉप्टर सेवा भी रद्द कर दी जाती, इसलिए हमने खच्चरों के जरिए पहाड़ियों से उतरने का फैसला किया। मैंने पहाड़ियों से करीब एक किलोमीटर नीचे बादल फटते देखा। इसके बाद कई तंबू बाढ़ में बह गए।”

विधायक को विशेष सुरक्षा मिली हुई थी, जिसके बाद सेना ने उनके परिवार को श्रीनगर पहुंचाने में मदद की। भाजपा विधायक का कहना था कि मौके पर कई राज्यों से आए लोग फंसे हुए हैं। उन्होंने कहा कि शुक्रवार को दर्शन के लिए अमरनाथ गुफा में हजारों श्रद्धालु मौजूद थे।

टी राजा सिंह ने बादल फटने के बाद वहां की स्थिति के बारे में बताते हुए कहा कि पहाड़ियों से पानी बह रहा था और कुछ तंबुओं में घुस गया। उन्होंने कहा, “मेरा अनुमान है कि बाढ़ में कम से कम 50 लोग बह गए होंगे। गुफा में सेना बहुत अच्छा काम कर रही थी। लेकिन, ऐसी स्थिति में वे असहाय थे और अंधेरा भी था।”

एक अधिकारी के मुताबिक, अभी भी करीब 40 लोग लापता हैं। अधिकारी ने कहा कि 30 जून से शुरू हुई अमरनाथ यात्रा को स्थगित कर दिया गया है और रेस्क्यू ऑपरेशन खत्म होने के बाद फिर से यात्रा शुरू करने पर निर्णय लिया जाएगा। बता दें कि सेना ने अबतक 15 हजार श्रद्धालुओं को सुरक्षित जगह पहुंचा दिया है। दूसरे दिन, शनिवार को सुबह 6 बजे से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया है।