मौसम और तनावपूर्ण हालातों को चुनौती देते हुए भगवान शिव के भक्त एक बार फिर निकल पड़े हैं। सोमवार (1 जुलाई) से शुरू हो रही सालाना अमरनाथ यात्रा के लिए श्रद्धालुओं का पहला जत्था बेस कैंस रविवार (30 जून) को रवाना हुआ है। ‘बम बम भोले’ के जयकारों के बीच 2234 श्रद्धालुओं का पहला जत्था यहां के एक बेस कैंप से रविवार को रवाना हुआ। यह यात्रा सोमवार से शुरू होने वाली है। अब तक देशभर से करीब डेढ़ लाख श्रद्धालुओं ने 46 दिन चलने वाली यात्रा के लिए पंजीकरण कराया है। यह यात्रा अनंतनाग जिले के 36 किलोमीटर लंबे पारंपरिक पहलगाम मार्ग और गांदेरबल जिले के 14 किलोमीटर लंबे बालटाल मार्ग से होती है।

राज्यपाल के सलाहकार केके शर्मा ने रविवार (30 जून) को भगवती नगर बेस कैंप से तीन मोटरसाइकल समेत 93 वाहनों के पहले काफिले को कश्मीर के लिए रवाना किया जिनमें श्रद्धालु सवार थे। उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण एवं सुचारु यात्रा सुनिश्चित करने के लिए सभी जरूरी इंतजाम कर दिए गए हैं। यह यात्रा सोमवार को कश्मीर के दोहरे मार्गों से आधिकारिक रूप से शुरू होगी और यह 15 अगस्त को रक्षाबंधन के मौके पर समाप्त होगी।

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मिठाई खाकर यात्रा के लिए रवाना होते श्रद्धालु (फोटो- एएनआई)

अधिकारियों ने बताया कि 17 बच्चों समेत कुल 2234 श्रद्धालु नूनवां-पहलगाम और बालटाल बेस कैंप्स के लिए रवाना हो गए। एक ओर जहां 130 महिलाओं, सात बच्चों और 45 साधुओं समेत 1228 श्रद्धालुओं ने पारंपरिक पहलगाम मार्ग चुना है, वहीं दूसरी ओर 203 महिलाओं और 10 बच्चों समेत 1006 श्रद्धालु बालटाल मार्ग से यात्रा करेंगे। श्रद्धालुओं का जत्थे रविवार शाम तक दो आधार शिविरों तक पहुंच जाएंगे और यात्रा के लिए रवाना होने से पहले रात भर वहां रूकेंगे।