आम आदमी पार्टी (आप) के ओखला विधायक अमानतुल्ला खान अब दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष नहीं हैं। राजधानी के राजस्व विभाग ने इस बात की जानकारी दी है। प्रमुख सचिव (राजस्व) के कार्यालय से शुक्रवार को यह घोषणा की गई कि वक्फ अधिनियम, 1995 की धारा 14 (1) के अनुसार 11 फरवरी को दिल्ली विधानसभा से भंग होने के साथ ही अमानतुल्ला खान बोर्ड का सदस्य और अध्यक्ष पद से भी मुक्त हो गए।

खान पूर्वोत्तर दिल्ली जिले में दिल्ली सरकार के राहत और पुनर्वास के प्रयासों का नेतृत्व कर रहा है। पूर्वोत्तर दिल्ली में पिछले महीने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के चलते सांप्रदायिक दंगे हुए थे जिसमें 53 लोग मारे गए थे। निलंबित आप पार्षद ताहिर हुसैन का बचाव करने के चलते खान हालही में सुर्खियों में भी रहे थे। हुसैन इन दिनों इंटेलिजेंस ब्यूरो के कर्मचारी अंकित शर्मा की हत्या के आरोप में पुलिस हिरासत में हैं।

दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष पद से मुक्त होने के बाद अमानतुल्ला खान ने अपने ट्विटर अकॉउंट से ट्वीट करते हुए लिखा “सितंबर 2018 से 20 मार्च 2020 तक का दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड़ का सफ़र बहुत अच्छा रहा। मुझे खुशी है कि मैं ग़रीबों और ज़रूरत मंदों तक उनका हक़ पहुंचा पाया और उनकी मदद कर पाया।”

बता दें विधायक के तौर पर खान को सात सदस्यीय वक्फ बोर्ड में नामित किया गया था और बाद में उन्हें सितंबर 2018 में सर्वसम्मति से वक्फ बोर्ड का अध्यक्ष चुना गया। ताहिर हुसैन का साथ देने पर उनकी आलोचना भी हुई थी। दंगों के बाद अमानतुल्लाह खान ने ट्वीट कर कहा था कि ताहिर हुसैन इस बात की सजा काट रहा है कि वह एक मुस्लिम है। शायद आज हिंदुस्तान में मुस्लिम होना सबसे बड़ा गुनाह है। यह भी हो सकता है कि आने वाले वक्त में यह साबित कर दिया जाए कि दिल्ली में हिंसा ताहिर हुसैन ने ही कराई है। इस ट्वीट के बाद भाजपा नेताओं ने भी उनपर पलटवार किया था